पाकिस्‍तान के पूर्व पीएम इमरान खान के बेटों से मिले ट्रंप के विशेष दूत, कहा- आप अकेले नहीं, राजनीतिक प्रताड़ना से तंग आ चुके लोग

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Richard Grenell: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष मिशन के लिए दूत रिचर्ड ग्रेनेल ने मंगलवार को कैलिफोर्निया में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान के दोनों बेटों से मुलाकात की. इस दौरान ग्रेनेल ने इमरान खान की गिरफ्तारी को ‘राजनीतिक प्रताड़ना’ करार दिया. साथ ही उन्होंने खान की रिहाई की भी मांग की.

इस दौरान ट्रंप के दूत ग्रेनेल ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर इमरान खान के बड़े बेटे सुलैमान ईसा और छोटे बेटे कासिम खान के साथ तस्वीर साझा की. उन्‍होंने अपने पोस्‍ट में लिखा कि ‘कैलिफोर्निया में स्वागत है मेरे दोस्तों. आज आपके साथ समय बिताकर अच्छा लगा. सुलैमान और कासिम, आप मजबूत बने रहें.

ग्रेनेल ने की खान की रिहाई की मांग

उन्‍होंने कहा कि आप अकेले नहीं है, दुनियाभर में ऐसे लाखों लोग हैं, जो इस राजनीतिक प्रताड़ना से तंग आ चुके हैं.’ ट्रंप के दूत का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पीटीआई के नेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की ओर से लगातार इमरान खान की जेल की हालत पर सवाल उठाए जा रहे हैं. बता दें कि इमरान खान अगस्त 2023 से ही कई मामलों में रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं.

पहले भी इमरान खान का समर्थन कर चुके ग्रेनेल

बता दें कि यह पहली बार नहीं है, जब अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड ग्रेनेल ने इमरान खान का समर्थन किया हो. इससे पहले ट्रंप के चुनाव अभियान के दौरान भी उन्‍होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि ट्रंप सरकार के दौरान अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध बेहतर थे, उस वक्‍त इमरान खान पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री थे. उन्होंने इमरान खान को एक ‘बाहरी’ (आउटसाइडर) और ‘साधारण सोच’ वाला नेता बताया. साथ ही ट्रंप और खान के चुनौतियों की तुलना भी की.

इमरान खान पर भी लगे ट्रंप जैसे आरोप’

ग्रेनेल ने कहा कि इमरान खान एक पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी थे, साथ ही वो पाकिस्तान टीम के कप्तान भी रहे. उन्‍होंने कहा कि इमरान खान राजनेता नहीं थे और आम भाषा में बात करते थे. ट्रंप और इमरान खान के बीच अच्छे संबंध थे. ग्रेनेल ने कहा कि मैं चाहता हूं कि इमरान खान को जेल से रिहा किया जाए. वह फिलहाल जेल में हैं और उन पर भी वैसे ही आरोप लगाए गए हैं जैसे राष्ट्रपति ट्रंप पर. सत्तारूढ़ पार्टी ने भ्रष्टाचार व झूठे आरोपों का सहारा लिया और उन्हें जेल भेजा.

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