Russia: बदलते वैश्विक परिदृश्य में रूस अपनी नौसेना को नई दिशा देने की तैयारियों में जुटा हुआ है. दरअसल, हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साल 2050 तक के लिए एक दीर्घकालिक समुद्री रणनीति को मंजूरी दी है. जिसकी जानकारी पुतिन के करीबी और मेरीटाइम बोर्ड के अध्यक्ष निकोलाई पेत्रुशेव दी.
बता दें कि रूस के इस समुद्री रणनीति का उद्देश्य रूस की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करना और वैश्विक जलक्षेत्रों में अपने हितों की प्रभावी रक्षा सुनिश्चित करना है, जो रूस की वर्तमान नौसैनिक क्षमताओं, सैन्य खतरों के विकसित होते स्वरूप और विशेष सैन्य अभियानों से मिली सीख के आधार पर तैयार किया गया है.
सैन्य चुनौतियों को समझे बिना…
पेत्रुशेव ने कहा कि एक मजबूत और आधुनिक नौसेना का निर्माण वैश्विक समुद्री समीकरणों और संभावित सैन्य चुनौतियों को समझे बिना संभव नहीं है. इस दीर्घकालिक योजना में रूस ने अंतरराष्ट्रीय सैन्य-राजनीतिक स्थिति, भविष्य के सशस्त्र संघर्षों की संभावनाओं और दुनिया की प्रमुख नौसेनाओं की क्षमताओं का विस्तार से विश्लेषण किया है, जिसमें रूस की नौसेना के भविष्य की संरचना, शांति और युद्धकाल में समुद्री लक्ष्यों की प्राथमिकताएं और नौसेना के आधुनिकीकरण के मानक तय किए गए.
रूसी नौसेना के पास 79 पनडुब्बियां
दरअसल, रूसी अधिकारियों का मानना है कि यह दस्तावेज यह स्पष्ट करता है कि रूस को वैश्विक महासागरों में अपने रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए किस प्रकार की नौसैनिक शक्ति की आवश्यकता है. बता दें कि रूस के नौसेना के पास वर्तमान में 79 पनडुब्बियां हैं, जिनमें 14 बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां शामिल हैं.
समुद्री मोर्चे पर रूस के सामने कई कठिनाइयां
जानकारों के मुताबिक, रूस अपनी नौसेना को विस्तार देने की दिशा में अग्रसर है, लेकिन उसे यूक्रेन युद्ध के दौरान समुद्री मोर्चे पर कई कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा है. यूक्रेन के साथ युद्ध में कई जहाजों और सैन्य प्रतिष्ठानों के नुकसान झेलने पड़े हैं. इसके बावजूद, रूस ने रक्षा बजट में भारी बढ़ोतरी की है, जो सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में शीत युद्ध के स्तर के करीब पहुंच चुका है.
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