Hyderabad: मास्को स्थित भारतीय दूतावास ने पुतिन सरकार से अनुरोध किया है कि वह हैदराबाद के मोहम्मद अहमद को रूसी सेना से तत्काल मुक्त कराकर सुरक्षित वापस भेजे. AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री के सामने यह मुद्दा उठाया था, जिसके बाद भारतीय दूतावास ने इस पर पहल किया.
जबरन भारतीयों को शामिल करने की आती रही है खबर
दरअसल, यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के बीच रूसी सेना में जबरन भारतीयों को शामिल करने की खबर आती रही है. कई भारतीय लोगों ने तो वीडियो जारी कर भारत सरकार से मदद की गुहार भी लगाई. इस बीच मास्को स्थित भारतीय दूतावास ने मामले में हस्तक्षेप किया. हैदराबाद के खैरताबाद निवासी 37 साल के अहमद को एक नौकरी एजेंट द्वारा धोखा दिए जाने के बाद यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूसी सेना में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था.
एक वीडियो जारी कर लगाई थी मदद की गुहार
अहमद ने रूस से ही एक वीडियो जारी कर मदद की गुहार लगाई थी. इसके बाद अहमद के परिवार ने सांसद से अपील की. अहमद की पत्नी अफशा बेगम ने बताया कि वह नौकरी के लिए रूस गए थे लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें सेना के साथ किसी दूर इलाके में जबरन भेज दिया गया. हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने के बाद सीमा पर तैनात कर दिया.
अहमद को जल्द रूस से वापस लाने के आदेश जारी करने का आग्रह
सांसद ने विदेश सचिव से इस मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और अहमद को जल्द से जल्द रूस से वापस लाने के आदेश जारी करने का आग्रह किया. रूस में भारतीय दूतावास के एक अधिकारी ने हैदराबाद के सांसद ओवैसी को लिखा कि दूतावास ने अहमद के बारे में रूसी अधिकारियों के साथ जानकारी साझा की. रूसी सेना से उनकी शीघ्र रिहाई और सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है.
नई जानकारी से परिवार को अवगत कराता रहेगा भारतीय दूतावास
मास्को स्थित भारतीय दूतावास के काउंसलर ताडू मामू ने लिखा कि दूतावास रूसी सेना में भारतीय नागरिकों के सभी मामलों पर प्राथमिकता के आधार पर नजर रख रहा है. दूतावास मोहम्मद अहमद के बारे में किसी भी नई जानकारी से परिवार को अवगत कराता रहेगा.
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