SAARC Summit: दुनियाभर में तेजी से आगे बढ़ते भारत को लेकर बदनाम करने का पाकिस्तान कोई मौका नहीं छोड़ता. ऐसे में ही अब उसने सार्क समिट को लेकर भारत पर आरोप लगाया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर हुसैन अंदराबी ने कहा है कि भारत के रवैये की वजह से दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) तकरीबन निष्क्रिय हो गया है, जो दक्षिण एशिया के देशों के लिहाज से काफी अहम है.
अंदराबी ने गुरुवार को सार्क पर हुए सवाल के जवाब में इस गुट के घटती अहमियत के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि ‘भारत ने लगातार सार्क की प्रक्रिया को बाधित किया है. भारत का यह रवैया दुखद है लेकिन पाकिस्तान को उम्मीद है कि सार्क प्रक्रिया जल्द ही फिर से शुरू होगी.’ पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का यह बयान ऐसे समय आया है, जब बांग्लादेश और चीन की मदद से पाकिस्तान एक नया गुट बनाने की कोशिश में लगा है.
भारत ने पहले भी रोकी है प्रक्रिया
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत की तरफ से इस्लामाबाद को सार्क के बाधित होने के लिए जिम्मेदार बनाने की कोशिश होती है लेकिन इसमें सच्चाई नहीं है. हमें याद रखना चाहिए कि यह पहली बार नहीं है, जब भारत ने सार्क प्रक्रिया को रोका है. 1990 के दशक में ऐसा हो चुका है.’ ताहिर ने कहा कि ‘भारत ने 1990 के दशक में भी इसी तरह सार्क शिखर सम्मेलन रोका था. हम याद दिलाना चाहते हैं कि तब भारत ने सार्क प्रक्रिया को पाकिस्तान की वजह से नहीं रोका था. भारत ने तब इसकी वजह किसी और देश को बनाया था. हमारा स्पष्ट मानना है कि भारत की वजह से सार्क देशों के बीच सहयोग आगे नहीं बढ़ रहा है.
भारत पाकिस्तान तनाव से नहीं हुई बैठक
बता दें कि SAARC का गठन साल 1985 में हुआ था, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं. इस गुट को एक समय दक्षिण एशिया की आवाज की तरह देखा गया लेकिन बीते एक दशक से यह असरदार नहीं रह गया है. बता दें कि साल 2014 में काठमांडू के बाद से इसके दो साल में होने वाले समिट नहीं हुए हैं. इसकी वजह गुट के दो अहम देशों- भारत और पाकिस्तान के तनावपूर्ण रिश्ते हैं.
नया गुट बनाने के फिराक में पाकिस्तान
वहीं, बीते कुछ महिनों में पाकिस्तान ने क्षेत्र में एक नया गुट बनाने की कोशिश की है. पाकिस्तान चाहता है कि एशिया के इस क्षेत्र में भारत के बगैर एक मजबूत मोर्चा बनाया जाए. पाकिस्तान इसमें खासतौर से चीन और बांग्लादेश का साथ चाहता है. यह पाकिस्तान की ओर से भारत की क्षेत्रीय अहमियत घटाने की कोशिश है.
पाकिस्तान को मिला बांग्लादेश का साथ
बांग्लादेश के फॉरेन अफेयर्स एडवाइजर मोहम्मद तौहीद हुसैन ने भी इस ओर कदम बढ़ाने के संकेत दिए हैं. हुसैन का कहना है कि उनका देश भी पाकिस्तान और चीन के साथ रीजनल ग्रुपिंग में शामिल हो रहा है. बांग्लादेश के लिए भारत को छोड़कर पाकिस्तान के साथ एक रीजनल ग्रुपिंग में शामिल होना स्ट्रेटेजिक रूप से मुमकिन है.
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