डिफेंस डील के बहाने सऊदी के करीब आना चाहता है पाकिस्तान, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर…

Saudi Arabia-Pakistan Agreement : हाल ही में सऊदी अरब और पाकिस्तान ने रक्षा समझौते पर साइन किया, बता दें कि दोनों के इस रक्षा समझौते ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा है कि यह कदम न सिर्फ खाड़ी क्षेत्र बल्कि दक्षिण एशिया और वैश्विक राजनीति के लिए भी अहम साबित हो सकता है. जानकारी देते हुए बता दें कि यह समझौता 9 सितंबर को दोहा में हमास नेताओं पर हुए हमले के लगभग दस दिन बाद सामने आया. ऐसे में इस मामले को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी टाइमिंग बेहद प्रतीकात्मक है. इसमें यह प्रावधान किया गया है कि किसी भी देश पर हमला, दोनों पर हमला माना जाएगा.

समझौते को रियाद ने बताया व्‍यापक रक्षात्‍मक

इस दौरान रियाद ने इसे व्यापक रक्षात्मक समझौता बताया है, बता दें कि इसके अंतर्गत सभी सैन्य साधन शामिल हैं. इसकी पुष्टि करते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम भी समझौते के दायरे में आएगा. क्योंकि पाकिस्तान एकमात्र मुस्लिम देश है जिसके पास परमाणु हथियार हैं.

दक्षिण एशिया के विशेषज्ञ क्रिस्टोफर क्लैरी के अनुसार

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार दोनों देशों के रिश्‍ते काफी लंबे समय से सुरक्षा सहयोग पर आधारित रहे हैं. ऐसे में कहा जाता है कि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को सऊदी अरब ने वित्तीय सहयोग से खड़ा किया. इस दौरान अगर यह बात सच होती है तो मौजूदा समझौता उस लंबे रिश्ते को औपचारिक रूप देता है. अल्बानी विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर और दक्षिण एशिया के विशेषज्ञ क्रिस्टोफर क्लैरी के अनुसार, इसका मतलब है कि सऊदी अरब पर हमला करने वाले किसी भी देश को अब पाकिस्तानी परमाणु क्षमता को ध्यान में रखना होगा.

सऊदी अरब से मिलने वाले निवेश की उम्मीद पाकिस्तान

बता दें कि काफी लंबे समय से पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति नाजुक रही है. इस दौरान इस मामले को लेकर पाकिस्तानी राजनीति के विश्लेषक अहसान बट का मानना है कि इस समझौते का सबसे बड़ा फायदा पाकिस्तान को वित्तीय मदद के साथ निवेश के रूप में मिलेगा. ऐसे में सऊदी अरब से मिलने वाले निवेश की उम्मीद पाकिस्तान के लिए जीवनरेखा साबित हो सकती है.

द्विपक्षीय मुद्दे से भारत पर असर

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सैन्य झड़पों ने दोनों देशों के तनाव को और गहरा किया है. जबकि अब यह समझौता कहता है कि पाकिस्तान पर हमला, सऊदी अरब पर हमला होगा, ऐसे में अब इस समझौते के चलते भारत को हर रणनीतिक कदम पर सऊदी अरब को ध्यान में रखना पड़ेगा. इसके साथ ही सऊदी अधिकारियों ने भारत के साथ भी मजबूत रिश्तों पर जोर दिया है, लेकिन बता दें कि पाकिस्‍तान और सऊदी के इस समझौते से भारत के लिए नए कूटनीतिक और रणनीतिक समीकरण बनेंगे.

इस समझौते को लेकर इजरायल भी हुआ सतर्क

बता दें कि इस समझौते से इजरायल भी सतर्क हो गया है. क्‍योंकि विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में पाकिस्तान इजरायल की नजर में एक बड़ी चुनौती बन सकता है. इससे पहले भी इजरायल अपने दुश्मन देशों के परमाणु कार्यक्रमों को निशाना बना चुका है, इसीलिए अब पाकिस्तान के शीर्ष वैज्ञानिकों और परमाणु ढांचे पर खतरा बढ़ सकता है.

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