South America Earthquake: भूकंप के जोरदार झटकों से थर्राया साउथ अमेरिका, रिक्टर स्केल पर 8.0 तीव्रता दर्ज

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

South America Earthquake: साउथ अमेरिका (South America) में शुक्रवार को आए भूकंप के तेज झटकों ने लोगों को चौंका दिया. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 8.0 दर्ज की गई है. हालांकि, अब तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई पुष्टि नहीं हुई है. भूकंप के झटके ड्रेक पैसेज नामक समुद्री क्षेत्र में दर्ज किए गए, जो दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी सिरे पर स्थित है.

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (US Geological Survey)के मुताबिक, भूकंप का केंद्र समुद्र तल से करीब 10.8 किलोमीटर की गहराई में था. ड्रेक पैसेज वह समुद्री मार्ग है जो पश्चिमी अटलांटिक महासागर (western atlantic ocean) को दक्षिण-पूर्वी प्रशांत महासागर से जोड़ता है. यह इलाका अपने तीव्र समुद्री तूफानों और खतरनाक जलवायु परिस्थितियों के लिए जाना जाता है, जिससे यहां इस तरह की भौगोलिक गतिविधियां असामान्य नहीं मानी जातीं.

Ring Of Fire के मुहाने पर है साउथ अमेरिका

बता दें साउथ अमेरिका (South America) रिंग ऑफ फायर (Ring Of Fire) क्षेत्र में आता है. जहां दुनिया के सबसे ज्यादा एक्टिव ज्वालामुखी हैं. इसके अलावा यहां पर दो टेक्टोनिक प्लेट्स मिलती हैं. जिसकी वजह से साउथ अमेरिका भूकंप के डेंजर जोन में आता है.

रूस में कुछ दिन पहले आया था शक्तिशाली भूकंप

इससे पहले, 30 जुलाई को रूस के सुदूर पूर्वी हिस्से में स्थित कामचटका प्रायद्वीप (Kamchatka Peninsula) में भी एक भीषण भूकंप आया था. यह झटका इतना शक्तिशाली था कि इसे दुनिया के अब तक के छह सबसे शक्तिशाली भूकंपों में गिना जा रहा है. भूकंप की तीव्रता 8.8 मापी गई थी, जो बेहद गंभीर मानी जाती है.

इस प्राकृतिक आपदा के कारण कामचटका क्षेत्र में कई मीटर ऊंची लहरों वाली सुनामी देखने को मिली, जिससे समुद्री इलाकों में अफरा-तफरी मच गई. भूकंप का केंद्र जमीन से करीब 19 किलोमीटर की गहराई में था, जिससे कंपन का दायरा काफी बड़ा रहा.

इस भूकंप के असर से रूस की कई इमारतों को नुकसान हुआ था और कई शहरों में दहशत का माहौल बन गया था. इसके बाद, रूस, जापान, अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के तटीय इलाकों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई थी.

क्यों आता है भूकंप?

दरअसल, पृथ्वी की चार प्रमुख परतें हैं, जिसे इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट कहते हैं. जानकारी के मुताबिक, पृथ्वी के नीचे मौजूद प्लेट्स घूमती रहती हैं, जिसके आपस में टकराने पर पृथ्वी की सतह के नीचे कंपन शुरू होता है. जब ये प्लेट्स अपनी जगह से खिसकती हैं, तो भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं.

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