Washington: ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जल्द ही मुलाकात होगी. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद इस बात की पुष्टि की है. ट्रंप ने व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ एक बैठक के दौरान यह जानकारी दी. इस दौरान ट्रंप ने शी जिनपिंग की प्रशंसा भी की और कहा कि मैं उनके साथ बहुत अच्छा व्यवहार करता हूं. वह एक बहुत ही मजबूत नेता और अद्भुत इंसान हैं.
दक्षिण कोरिया में होने जा रहा है शिखर सम्मेलन
दरअसल, दक्षिण कोरिया में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) शिखर सम्मेलन होने जा रहा है. इस मौके पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात होने जा रही है. ट्रंप ने बताया कि वह अगले कुछ सप्ताह में दक्षिण कोरिया में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे. बताते चलें कि चीन ने दुर्लभ मृदा धातुओं (जो विभिन्न सैन्य और वाणिज्यिक उत्पादों के उत्पादन के लिए आवश्यक घटक हैं) पर निर्यात नियंत्रण कड़ा करने का फैसला लिया. इसके बाद से दोनों महाशक्तियों के बीच व्यापार तनाव बढ़ गया है.
चीन करना चाहता है बातचीत और हमें उससे बात करना पसंद
ट्रंप ने कहा कि चीन बातचीत करना चाहता है और हमें उससे बात करना पसंद है. इसलिए हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं और हम कुछ हफ्तों में दक्षिण कोरिया में मिलने वाले हैं. अपनी टैरिफ नीति को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि कोरिया में होने वाली संभावित बैठक से पहले अमेरिका बहुत मजबूत स्थिति में है. इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा गया कि क्या शी जिनपिंग के साथ उनकी बैठक से कोई व्यापार समझौता हो सकता है. इस पर ट्रंप ने कहा कि हो सकता है.
शी जिनपिंग के साथ प्रस्तावित बैठक रद्द करने की दी थी धमकी
उन्होंने कहा कि वे बातचीत करना चाहते हैं. हम बातचीत कर रहे हैं और मुझे लगता है कि हम एक ऐसा समझौता करेंगे जो दोनों के लिए अच्छा होगा. मुझे लगता है कि हम कुछ करेंगे. पिछले शुक्रवार को ट्रंप ने चीन के निर्यात नियंत्रण कदम की निंदा की और शी जिनपिंग के साथ प्रस्तावित बैठक रद्द करने की धमकी दी थी. उन्होंने 1 नवंबर से चीनी वस्तुओं पर अतिरिक्त 100% टैरिफ लगाने और उसी दिन सभी महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर निर्यात नियंत्रण लागू करने की योजना की भी घोषणा की.
दक्षिण कोरिया, जापान और यूरोपीय संघ का भी ज़िक्र
टैरिफ योजना पर बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि अगर वे चाहें तो इसे बढ़ा सकते हैं और चीन नहीं चाहता कि यह टैरिफ लागू हो. राष्ट्रपति ट्रंप ने दक्षिण कोरिया, जापान और यूरोपीय संघ का भी ज़िक्र किया. जोर देकर कहा कि हम बस यही चाहते हैं कि हमारे साथ निष्पक्ष व्यवहार हो. लेकिन, निष्पक्षता यह है कि सैकड़ों अरबों और यहां तक कि खरबों डॉलर अमेरिका में आ रहे हैं और टैरिफ के कारण हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा सुरक्षित है. अगर टैरिफ नहीं होते तो हमारी कोई राष्ट्रीय सुरक्षा नहीं होती. इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है.
चीन के खिलाफ टैरिफ योजना पर राष्ट्रपति ट्रंप का रुख नरम
उसी दिन पहले प्रसारित फॉक्स बिजनेस के एक इंटरव्यू में ट्रंप ने यह भी कहा कि उनकी और शी जिनपिंग की एक अलग बैठक निर्धारित है. उन्होंने कहा कि हम कुछ हफ्तों में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अन्य लोगों से मिलने वाले हैं. चीन के खिलाफ टैरिफ योजना पर राष्ट्रपति ट्रंप का रुख थोड़ा नरम दिखाई दिया. उन्होंने कहा कि यह टिकाऊ नहीं है लेकिन संख्या यही है. शायद नहीं. यह टिक सकता है, लेकिन उन्होंने मुझे ऐसा करने के लिए मजबूर किया. मुझे लगता है कि चीन के साथ हमारा रिश्ता ठीक रहेगा.
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