नेपाल की संभावित अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की का पहला बयान, बोली- ‘मैं राष्ट्रहित में काम…’

Sushila Karki : सोशल मीडिया पर प्रतिबंध को लेकर नेपाल में कई दिनों से चल रही हिंसा अब थोड़ी शांत हो रही है. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया पर बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जेन-जी युवाओं के प्रदर्शन के कारण नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. बता दें कि उनके इस्‍तीफा देने के बाद नेपाल में हिंसा कम होने के कारण सेना को सुरक्षा की कमान अपने हाथों में लेनी पड़ी और देशभर में कर्फ्यू लगा दिया. इस दौरान जेन-जी प्रतिनिधियों ने नेपाल में अंतरिम सरकार के नए प्रधानमंत्री के रूप में मुख्य न्यायाधीश का नाम ऐलान किया है. जानकारी के मुताबिक, अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए अपना नाम चुने जाने पर अब पहली बार सुशीला कार्की का बयान सामने आया है.

सुशीला कार्की ने जताया आभार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस कड़े विरोध प्रदर्शन के बाद जेन-जी युवाओं की ओर से नेपाल की अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए प्रस्तावित पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की कहना है कि वह राष्ट्रहित में काम करने के लिए तैयार हैं. ऐसे में उन्‍होंने लोगों का आभार व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि नेपाली युवाओं ने उन पर जो भरोसा जताया है, उससे वे अभिभूत हैं.

दोनों के बीच होगी निर्णायक चर्चा

बता दें कि नेपाल में अंतरिम सरकार के नेतृत्व के लिए जेन-जी युवा प्रतिनिधियों की आर्मी चीफ के साथ एक निर्णायक चर्चा होगी. खबर सामने आयी है कि सेना प्रमुख ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को भी इस बैठक में शामिल होने का न्यौता दिया है. इस दौरान अंतरिम सरकार के रूप में जेन-जी प्रतिनिधियों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम को अंतिम रूप दे दिया है. इस मामले को लेकर मीडिया का कहना है कि अभी भी इसमें कुछ विरोधाभास है, लेकिन आर्मी चीफ के साथ बैठक शुरू होने से पहले जेन-जी आंदोलनकारियों के बीच इस नाम को लेकर सहमति बना ली जाएगी. इसके बाद इसे औपचारिक रूप दिया जाएगा.

सुशीला कार्की का परिचय

जानकारी देते हुए बता दें कि सुशीला कार्की एक नेपाली न्यायविद हैं. वह नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं. इतना ही नही बल्कि इस पद पर आसीन होने वाली एकमात्र महिला हैं. बताया जा रहा कि 11 जुलाई 2016 को कार्की मुख्य न्यायाधीश बनी थीं. इसके साथ ही कार्की ने 1975 में, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय , वाराणसी, भारत से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की और 1979 में उन्होंने विराटनगर में अपनी वकालत शुरू की.

इसे भी पढ़ें :- कनाडा “डेकेयर सेंटर” में घुसी बेकाबू कार, बच्चों को रौंदा, एक की मौत, नौ घायल

Latest News

12 September 2025 Ka Panchang: शुक्रवार का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

12 September 2025 Ka Panchang: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त...

More Articles Like This

Exit mobile version