24 घंटे में इन देशों ने फिलि‍स्तीन को दी मान्यता, इजरायल की बढ़ी टेंशन

UN General Assembly : वर्तमान समय में माल्टा संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन को आजाद देश के तौर पर औपचारिक मान्यता देने की घोषणा करने वाला है. बता दें कि इस बात की जानकारी माल्टा के प्रधानमंत्री कार्यालय ने दी और कहा कि वो भी इस कदम को उठाने वाले देशों के समूह में शामिल हो रहे हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मई में माल्टा के प्रधानमंत्री रॉबर्ट अबेला ने फिलिस्तीनी देश को मान्यता देने की योजना बनाई थी. इसके साथ ही भूमध्यसागरीय यूरोपीय संघ के इस द्वीप का फिलिस्तीनी मुद्दों के समर्थन का इतिहास रहा है. इतना ही नही बल्कि इसने इजरायल के साथ राजनयिक संबंध बनाए रखते हुए द्वि-राज्य समाधान के प्रयासों का समर्थन किया है. जानकारी देते हुए बता दें कि कई वर्ष तक पूर्व फिलिस्तीनी नेता यासर अराफात की पत्नी इस द्वीप पर रही थीं.

फिलिस्तीन को मान्यता देना ऐतिहासिकहै

बता दें कि सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए अबेला ने गाजा को पहुंचाई जा रही मदद का उल्लेख करते हुए कहा कि फिलिस्तीन को मान्यता दिए जाने की पूर्व संध्या पर माल्टा की ओर से दान की गई आटे की खेप गाजा डिलीवर हुई. इस दौरान उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन को मान्यता देना ‘ऐतिहासिक’ है. इसके साथ ही इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए माल्टा प्रतिबद्ध है.

ब्रिटिश पीएम के फैसले का इजरायल ने किया विरोध

प्राप्त जानकारी के अनुसार एक दिन पहले ही कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के बाद यूके ने फिलिस्तीन को स्वतंत्र और संप्रभु देश के रूप में मान्यता देने का ऐलान किया. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर काफी लंबा-चौड़ा वीडियो पोस्ट करते हुए ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर ने अपनी मंशा जाहिर की. ऐसे में उनके इस कदम का इजरायल ने पुरजोर विरोध किया.

इजरायली पीएम ने अन्य देशों को दिया संदेश

जानकारी के मुताबिक, हमास के 7 अक्टूबर, 2023 के नरसंहार के बाद इजरायल ने फिलिस्तीन की एकतरफा मान्यता को ‘आतंक के लिए पुरस्कार’ बताया. ऐसे में इस मामले को लेकर इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि ‘हमारी जमीन पर आतंकवादी राज्य थोपने की इस नई कोशिश का जवाब मैं अमेरिका से लौटने के बाद दूंगा.’

तीनों देशों की सरकारों को किया संबोधित

इस दौरान तीनों देशों की सरकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘7 अक्टूबर के भयावह नरसंहार के बाद फिलिस्तीनी देश को मान्यता देने वाले नेताओं को ए‍क संदेश दिया और कहा कि आप आतंक को एक बड़ा इनाम दे रहे हैं. लेकिन इसके साथ ही मेरे पास आपके लिए एक और संदेश है कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है. उन्‍होंने कहा कि जॉर्डन नदी के पश्चिम में कोई फिलिस्तीनी देश नहीं होगा.’

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