US-Canada Tariff : एक बार फिर कनाडा और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया है. बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने स्वीकार किया है कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति से माफी मांगी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार यह माफी एक विवादित विज्ञापन के कारण मांगी गई, जिसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की आवाज का इस्तेमाल किया गया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कार्नी का कहना है कि राष्ट्रपति नाराज थे और मैंने उनसे माफी मांगी. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जब अमेरिका तैयार होगा तब बातचीत फिर शुरू होगी. बता दें कि यह मामला तब शुरू हुआ जब ओंटारियो प्रीमियर डग फोर्ड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक राजनीतिक विज्ञापन साझा किया. प्राप्त जानकारी के अनुसार यह विज्ञापन फॉक्स स्पोर्ट्स पर एक क्रिकेट मैच के दौरान प्रसारित हुआ और 90 लाख से अधिक लोगों ने इसे देखा.
रीगन फाउंडेशन ने जताई नाराजगी
प्राप्त जानकारी के अनुसार Reagan Presidential Foundation ने विज्ञापन को लेकर नाराजगी जताई. इस मामले को लेकर फाउंडेशन का कहना था कि कनाडा या ओंटारियो सरकार ने इस क्लिप के इस्तेमाल की अनुमति नहीं ली. मीडिया रिपोर्ट के दौरान फाउंडेशन अब इस मामले में कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है.
कनाडा ने फर्जी विज्ञापन चलाया
बता दें कि सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर ट्रंप ने लिखा कि कनाडा ने एक फर्जी विज्ञापन चलाया, जिसमें रीगन को टैरिफ विरोधी दिखाया गया. उन्होंने कहा कि यह एक धोखेबाजी भरा कदम है और कनाडा ने ऐसा करके “अमेरिकी हितों पर हमला” किया है. उनका कहना है कि उसकी इस हरकत से दोनों देशों के बीच विश्वास को गहरा नुकसान हुआ है.
कनाडाई उत्पादों पर लगाया 10% टैरिफ
इस विवाद को लेकर व्हाइट हाउस ने घोषणा करते हुए कहा कि कनाडाई उत्पादों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा. बता दें कि विशेष रूप से यह शुल्क एल्यूमिनियम और कृषि उत्पादों पर लागू होगा. ऐसे में ट्रंप ने कहा कि जब तक कनाडा अपनी गलत सूचना नीति बंद नहीं करता तब तक कोई व्यापार से संबंधित बातचीत नहीं होगी.
सुलह चाहते हैं, टकराव नहीं-मार्क कार्नी
इस मामले को लेकर कनाडाई प्रधानमंत्री का कहना है कि उनकी सरकार का उद्देश्य अमेरिका से टकराव नहीं बल्कि संवाद और सहयोग है. उन्होंने ये भी कहा कि ”हम अमेरिका के साथ स्थायी संबंध चाहते हैं. ऐसे में वे जब भी बातचीत के लिए तैयार होंगे, हम बातचीत करेंगे. इस दौरान कार्नी ने स्पष्ट रूप से कहा कि कनाडा निष्पक्ष व्यापार में विश्वास रखता है और उसका मकसद अमेरिका की नीतियों को चुनौती देना नहीं है.
दोनों के बीच टैरिफ विवाद का पुराना इतिहास
जानकारी देते हुए बता दें कि टैरिफ को लेकर अमेरिका-कनाडा के बीच नया नहीं है. इस दौरान ट्रंप प्रशासन ने 2018 में कनाडाई स्टील और एल्यूमिनियम पर भारी शुल्क लगाया था, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में काफी तनाव आ गया है. इस बार मामला एक राजनीतिक विज्ञापन से जुड़ा है, लेकिन इसका असर सीधा व्यापार पर पड़ सकता है. विशेषज्ञों ने कहा कि अगर टैरिफ नीतियां कठोर बनी रहीं तो उत्तरी अमेरिका के आर्थिक संबंधों पर दीर्घकालिक असर पड़ सकता है.
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