पाकिस्तान के लिए क्यों जारी होने दिया फंड… ट्रंप प्रशासन पर भड़के सैन्य रणनीतिकार

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

US News: कर्ज में डूबे हुए पाकिस्‍तान को अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने फिर से लोन मुहैया कराया है. पाकिस्‍तान को आईएमएफ ने लोन उस वक्‍त दिया, जब भारत और पाकिस्‍तान के बीच तनाव की स्थिति थी. अब पाकिस्‍तान को राहत पैकेज जारी होने पर अमेरिकी थिंक टैंक, अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के एक सैन्य रणनीतिकार माइकल रुबिन ने ट्रंप प्रशासन को घेरा है और कहा है कि ट्रंप प्रशासन ने आईएमएफ को रोका क्यों नहीं.

एक्‍सपर्ट ने की ट्रंप प्रशासन की आलोचना  

ट्रंप प्रशासन को फटकार लगाते हुए रुबिन ने कहा कि ऐसे समय में जब पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है, ट्रंप प्रशासन को आईएमएफ से लोन जारी नहीं होने देना चाहिए था. बता दें कि बीते शुक्रवार, 9 मई को आईएमएफ ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर का राहत पैकेज जारी किया. उन्होंने आगे पाकिस्तान और चीन के रिश्तों को लेकर कहा कि पाकिस्तान को पैसा भेजकर, आईएमएफ भी चीन को प्रभावी ढंग से राहत दे रहा है.

अप्रत्‍यक्ष रूप से चीन को भी मदद

सैन्‍य रणनीतिकार माइकल रुबिन ने कहा, आज पाकिस्तान चीन का क्षत्रप (Satrapy) है. आईएमएफ की ओर से पाकिस्तान को पैसा देना, चीन को भी अप्रत्यक्ष रूप से बेलआउट देना है. उन्‍होंने पाकिस्तान और चीन के रिश्तों को लेकर कहा कि पाकिस्तान अब चीन के इशारों पर चलने वाला देश बन चुका है और इस तरह के आर्थिक समर्थन से न सिर्फ आतंक बढ़ेगा, बल्कि चीन को भी रणनीतिक बढ़त मिल रही है.

भारत ने हासिल की जीत

भारत पाकिस्‍तान तनाव को लेकर रुबिन ने कहा, भारत ने पाकिस्तान के साथ 4 दिवसीय सीमित संघर्ष में जीत हासिल की है. साथ ही सीजफायर को लेकर उन्होंने कहा, यह पाकिस्तान था जो सीजफायर के लिए गुहार लगाता रहा जैसे कोई डरा हुआ कुत्ता अपनी दुम दबाकर भागता है. रुबिन ने कहा, पाक सेना इस तथ्य से खुद को बचाने के लिए कुछ भी नहीं कर सकती है कि वो पूरी तरह हार गए, बल्कि वो बहुत, बहुत बुरी तरह से हार गए हैं.

आतंक के खिलाफ कमजोर हुई लड़ाई

रूबिन ने आगे लिखा है, ‘ आईएमएफ की ओर से यह लोन ऐसे समय जारी किया गया, जब पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने भारत में घुसकर गैर-मुस्लिमों की हत्या उनके परिवार के सामने की. हैरानी की बात ये है कि पाकिस्तानी सेना के अफसर वर्दी में मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में शामिल हुए.’ रक्षा रणनीतिकार ने कहा कि IMF की यह फंडिंग आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को कमजोर करने वाली है और इस संस्था के इस फंड पर सवाल उठने चाहिए.

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