अमेरिकी हाउस पैनल 10 दिसंबर को भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की करेगा समीक्षा, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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US-India Relations: अमेरिकी कांग्रेस की एक प्रमुख कमेटी 10 दिसंबर को एक सार्वजनिक बैठक करने जा रही है, जिसमें भारत–अमेरिका रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा होगी. इस बैठक में दोनों देशों के बीच बदलते रक्षा, आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों पर खास ध्यान दिया जाएगा.

हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी की साउथ और सेंट्रल एशिया पर सब-कमेटी के एक आधिकारिक नोटिस के मुताबिक, इस बैठक का विषय ‘अमेरिका-भारत स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप: एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा’ रखा गया है.

सब-कमेटी में शामिल होंगे ये नेता

वहीं, मिशिगन से सांसद बिल ह्यूजेंगा की अध्यक्षता वाली सब-कमेटी उन प्रमुख विश्लेषकों की बातें सुनेगी जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका पर नजर रखते हैं. इन विशेषज्ञों में हेरिटेज फाउंडेशन में एशियन स्टडीज सेंटर के डायरेक्टर जेफ स्मिथ, ओआरएफ अमेरिका के कार्यकारी निदेशक ध्रुव जयशंकर और यूनाइटेड स्टेट्स के जर्मन मार्शल फंड में इंडो-पैसिफिक प्रोग्राम के सीनियर फेलो समीर लालवानी शामिल हैं. जेफ स्मिथ, ध्रुव जयशंकर और समीर लालवानी अमेरिकी राजधानी में रहने वाले जाने-माने भारतीय विशेषज्ञ हैं.

इस बैठक में भारत के रक्षा आधुनिकीकरण, अमेरिका के साथ बढ़ती सैन्य साझेदारी, तकनीकी सहयोग, क्षेत्रीय कूटनीति और इंडो-पैसिफिक में नियम-आधारित व्यवस्था को मजबूत करने जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है.

भारत-अमेरिका साझेदारी को मिल रहा समर्थन

यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब भारत और अमेरिका मिलकर अहम तकनीकों, समुद्री सुरक्षा और सप्लाई-चेन को मजबूत बनाने पर कई कदम उठा रहे हैं. भारत-अमेरिका साझेदारी को कांग्रेस में निरंतर समर्थन भी मिला है, जिसमें सांसद नई दिल्ली को इंडो-पैसिफिक में अमेरिकी रणनीति का एक मुख्य स्तंभ मानते हैं.

इस तरह की सुनवाई सांसदों को नीति की बारीकी से जांच करने, चुनौतियों का आकलन करने और अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को मजबूत करने का अवसर देती है.

हाल के वर्षों में दोनों देशों ने अमेरिका-भारत महत्वपूर्ण व उभरती प्रौद्योगिकी पहल (आईसीईटी) के तहत सहयोग भी बढ़ाया है, जिसने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम टेक्नोलॉजी, सेमीकंडक्टर और डिफेंस इनोवेशन जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए रास्ते खोले हैं. हिंद-प्रशांत पर ध्यान केंद्रित होने से कूटनीतिक, सुरक्षा और आपूर्ति-श्रृंखला ढांचों में वाशिंगटन के लिए भारत का महत्व और भी बढ़ गया है.

हालांकि, यह घोषणा ऐसे समय आई है, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शिखर बैठक के लिए दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचे हैं.

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