US: वरिष्ठ अमेरिकी कांग्रेसी ब्रैड शेरमन ने पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में आए पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के साथ वाशिंगटन में बैठक की. इस दौरान उन्होंने बिलावल को खूब खरी-खोटी सुनाई और आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई और पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए अधिक सुरक्षा का आह्वान किया.
पाकिस्तान ने आतंकी समूहों को समर्थन देने का लगाया आरोप
भुट्टो जरदारी से मुलाकात के बाद, शेरमैन ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि मैंने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को आतंकवाद और विशेष रूप से जैश-ए-मोहम्मद समूह से लड़ने के महत्व पर जोर दिया, जिसने 2002 में मेरे निर्वाचन क्षेत्र के निवासी डेनियल पर्ल की हत्या कर दी थी.”
बता दें कि वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार पर्ल को पाकिस्तान में अपहरण कर हत्या कर दी गई थी. बाद में उमर सईद शेख को अपराध की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया. शेरमैन ने आगे कहा कि पर्ल का परिवार अभी भी उनके जिले में रहता है और उन्होंने पाकिस्तान से आतंकी समूह को खत्म करने और क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने का आग्रह किया.
शकील अफरीदी की रिहाई की भी मांग
रिपोर्ट के मुताबिक, शेरमैन ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से डॉ. शकील अफरीदी की रिहाई की वकालत करने का भी आग्रह किया, जो पाकिस्तानी चिकित्सक हैं और जिन्होंने ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की मदद की थी. दरअसल, अफरीदी को 2011 की छापेमारी के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया था और एक पाकिस्तानी अदालत ने उसे 33 साल की जेल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद से वो आजतक जेल में ही बंद है. शेरमैन ने कहा कि अफरीदी को रिहा करना 9/11 हमलों के पीड़ितों के लिए एक सार्थक कदम होगा.
पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता पर चिंता
इतना ही नहीं, अमेरिकी सांसद ने पाकिस्तान में ईसाई, हिंदू और अहमदिया मुसलमानों समेत धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर गहरी चिंता जताई. इस दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन समुदायों को हिंसा, भेदभाव या प्रणालीगत अन्याय के डर के बिना अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से पालन करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए.
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