यूक्रेन पीस प्लान पर ट्रंप की डेडलाइन! कहा- शांति प्रस्ताव ठुकराया तो खत्म हो जाएगा अमेरिकी सपोर्ट

US Peace Plan : काफी लंबे समय से रूस और यूक्रेन के बीच लगातार युद्ध चल रहा है. जिसके शांति के लिए अमेरिका लगातार कोशिश कर रहा है और नया शांति प्रस्ताव भी तैयार किया है, बता दें कि उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी हलचल मचा दी है. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार उनके इस प्रस्‍ताव को लेकर अमेरिका, यूक्रेन और यूरोप के कई देशों में मतभेद गहराते जा रहे हैं. ऐसे में डोनाल्‍ड ट्रंप ने स्‍पष्‍ट करते हुए कहा कि यह उनका फाइनल ऑफर नहीं है, लेकिन इसकी समयसीमा 27 नवंबर ही रहेगी. उन्‍होंने ये भी कहा कि यदि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की इस प्रस्ताव को मंजूर नहीं किया तो यूक्रेन को युद्ध जारी रखने के लिए तैयार रहना होगा. साथ ही उन्‍होंने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका हर हाल में इस संघर्ष का समाधान ढूंढना चाहता है.

ये प्रस्ताव बना विवाद का कारण

इसके साथ ही अमेरिका के भीतर भी यह प्रस्ताव विवाद का कारण बन गया है. बता दें कि रिपब्लिकन सीनेटर माइक राउंड्स ने दावा किया और कहा कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कुछ सीनेटरों को बताया है कि यह 28-बिंदुओं वाला मसौदा रूसी-सोर्ड दस्तावेज जैसा दिखता है. ऐसे में उनके इस आरेाप से स्‍पष्‍ट होता है कि प्रस्ताव में रूस के हित अधिक झलक सकते हैं. फिलहाल इन दावों को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, जिससे स्थिति और अस्पष्ट बनी हुई है.

ड्राफ्ट के लीक हुए हिस्सों से मिली जानकारी

बता दें कि ड्राफ्ट के लीक हुए हिस्सों से पता चलता है कि इस प्रस्ताव में यूक्रेन से डोनेत्स्क के कुछ हिस्सों से पीछे हटने की मांग की गई है. इतना ही नही बल्कि यह मसौदा रूस के नियंत्रण वाले डोनेत्स्क, लुहान्स्क और क्रीमिया को अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार करने जैसा प्रतीत होता है. साथ ही प्रस्ताव का एक बड़ा विवादित बिंदु यह भी है कि यूक्रेन की सेना की अधिकतम क्षमता 6 लाख सैनिकों तक सीमित किए जाने की बात कही गई है. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार यूरोपीय देशों का तर्क है कि यह सीमा भविष्य में रूस के लिए हमला करने का रास्ता आसान कर सकती है.

G20 देशों ने कहा

जानकारी के मुताबिक, G20 देशों में शामिल कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन और अन्य देशों ने अपने बयान जारी करते हुए कहा कि अमेरिकी ड्राफ्ट एक आधार तो जरूर है, लेकिन इसमें बड़े सुधार किए जाने की जरूरत है. उन्‍होंने ये भी कहा कि किसी भी देश की सीमाओं को बलपूर्वक नहीं बदला जा सकता.

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कही ये बात

ऐसे में सभी घटनाक्रमों के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भावुक संदेश जारी किया और कहा कि देश अपने इतिहास के सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है. हालात को देखते हुए उन्होंने चेताया कि यूक्रेन को जल्द ही इज्जत बचाने या एक महत्वपूर्ण साझेदार खोने जैसे मुश्किल विकल्पों के बीच फैसला करना पड़ सकता है. उन्‍होंने ये भी कहा कि यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल देश की गरिमा और सुरक्षा की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है.

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