Reporter
The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के हाल में किए उस दावे को झूठा करार दिया है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वह शांति सुनिश्चित करने के लिए अपने पावर का इस्तेमाल करना चाहते हैं. अली खामेनेई ने ट्रंप पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, गाजा पट्टी में हो रही हत्याओं को ट्रंप प्रशासन का समर्थन प्राप्त है. शनिवार को तेहरान में अली खामेनेई ने शिक्षकों के साथ एक बड़ी बैठक की.
खामेनेई ने ट्रंप के बयान पर दी प्रतिक्रिया
इस बैठक में खामेनेई ने पश्चिम एशिया के अपने दौरे के दौरान क्षेत्र में शांति की स्थापना के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया दी. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ईरना के मुताबिक, शनिवार को तेहरान में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान खामेनेई ने कहा, क्षेत्र की अपनी यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति की हालिया टिप्पणियां वक्ता और अमेरिकी राष्ट्र दोनों का अपमान हैं.
ईरानी नेता ने कहा, ट्रंप ने कहा कि वह शांति के लिए अपनी शक्ति का उपयोग करना चाहते हैं और यह उन्होंने झूठ बोला. उन्होंने अन्य अमेरिकी अधिकारियों और अमेरिकी प्रशासन ने गाजा में हत्याओं को पूरा समर्थन दिया, उन्होंने किसी भी स्थान पर युद्ध भड़काने और अपने भाड़े के सैनिकों का समर्थन करने के लिए सत्ता का इस्तेमाल किया है. अली खामेनेई ने इजरायल पर दिए अपने पूर्व के बयानों को दोहराया और उसे क्षेत्र का घातक और खतरनाक कैंसर बताते हुए उखाड़ फेंके जाने की आवश्यकता बताई.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने विश्वास जताया कि क्षेत्रीय देशों के दृढ़ संकल्प और प्रयासों के साथ, अमेरिका को इस क्षेत्र को अवश्य छोड़ना चाहिए. इस सप्ताह की शुरुआत में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पश्चिम एशिया में स्थित तीन खाड़ी अरब देशों – सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया था.
मंगलवार को सऊदी की राजधानी रियाद में दिए एक बयान में ट्रंप ने ईरान को मध्य पूर्व में सबसे विनाशकारी शक्ति बताया था और उस पर क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था.ट्रंप ने यह भी कहा था कि अमेरिका ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा. हालांकि, ट्रंप ईरान के साथ एक ऐसे सौदे से बचना चाहते हैं जो संयुक्त व्यापक कार्य योजना की तरह हो, जिस पर बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान सहमति बनी थी.
इसमें यूरोपीय संघ और चीन भी शामिल थे। ट्रंप ने 2018 में संयुक्त व्यापक कार्य योजना से खुद को अलग कर लिया था और तेहरान पर फिर से प्रतिबंध लगाए थे. ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने शनिवार को कहा कि देश शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के अपने अधिकार को नहीं छोड़ेगा.