AI करेगा कीबोर्ड का काम तमाम, बोलने मात्र से ही हो जाएंगे सारे काम

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Voice AI Technology: आज कल सभी काम डिजिटल हो गए है, वो चाहे किसी से बात करना हो, शॉपिंग करना हो या कोई ऑफिस का काम. ऐसे में सभी कामों के लिए कीबोर्ड की जरूरत तो पड़ती ही है, लेकिन जरा सोचिए जब किबोर्ड ही न रहे तो…, जी हां. हाल ही के एक स्‍टडी में यह पता चला है कि  आने वाले कुछ ही वर्षो में हम हाथों से टाइपिंग करना लगभग भूल जाएंगे और इसकी वजह है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का तेजी से बढ़ता प्रभाव.

लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और जेब्रा कंपनी के सहयोग से किए गए स्‍टडी में दावा किया गया है कि साल 2028 तक वॉइस AI इंसानों के काम करने का मुख्य जरिया बन जाएगा और टाइपिंग का दौर धीरे-धीरे इतिहास बन जाएगा. इस अध्‍ययन में पाया गया है कि  वॉइस टेक्नोलॉजी काम करने के हर पारंपरिक तरीके को प्रभावित करने जा रही है. आने वाले समय में लैपटॉप, मोबाइल, टैबलेट और कंप्यूटर पर टाइप करने की बजाय लोग सिर्फ बोलकर अपने काम पूरे करेंगे.

हमेशा जीतती है सुरक्षा और सुविधा

वैज्ञानिकों का कहना है कि बोलना इंसानी सोच के साथ ज़्यादा मेल खाता है इसलिए यह टाइपिंग की तुलना में कहीं ज़्यादा सहज, तेज़ और प्रभावी है. वहीं, जेब्रा के ग्लोबल हेड ऑफ ब्रांड कम्युनिकेशन पॉल सेफटन का मानना है कि जब तक जेनरेशन अल्फा यानी 2010 के बाद पैदा हुए बच्चे वर्कफोर्स में शामिल होंगे तब तक AI पूरी तरह से हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुका होगा. तब लोग टाइप करने की बजाय अपने डिवाइस से बात करके ही हर काम पूरा करेंगे. उनका मामना है कि  “सुविधा और दक्षता हमेशा जीतती है, और वॉइस टेक्नोलॉजी इसी दिशा में सबसे बड़ा कदम है. इससे लोग न केवल तेज़ी से बल्कि रचनात्मक ढंग से भी काम कर पाएंगे.”

क्‍या सच में खत्‍म हो जाएगा किबोर्ड का अस्तित्‍व?

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक जेनरेशन अल्फा के पहले सदस्य नौकरी की दुनिया में कदम रख चुके होंगे और संभव है कि वे यह जान ही न पाएं कि वॉइस टेक्नोलॉजी से पहले दफ्तरों में लोग कैसे काम करते थे. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि AI पूरी तरह से कीबोर्ड को खत्म नहीं कर पाएगा.

वहीं, कुछ लोगों का मामना है कि टेक्स्ट और ईमेल जैसी चीज़ों में वॉइस नोट्स की सीमाएं हैं. उनका कहना है कि लिखा हुआ टेक्स्ट सुनने की तुलना में तेज़ी से पढ़ा जा सकता है और ज़रूरी जानकारी को सर्च करना भी आसान होता है. इसलिए ईमेल या डॉक्युमेंट्स में कीबोर्ड की अहमियत बनी रहेगी. फिर भी यह साफ है कि तकनीक तेजी से हमारे जीवन को बदल रही है.

वॉइस कमांड्स का होगा इस्‍तेमाल

रिपोर्ट के मुताबिक, जिस तरह सीडी और डीवीडी कुछ ही वर्षो में गायब हो गए उसी तरह कीबोर्ड भी आने वाले समय में शायद बीते युग की चीज़ बन जाए. आज हम पहले से ही स्मार्टफोन, टीवी और लैपटॉप जैसे डिवाइसों पर वॉइस कमांड्स का इस्तेमाल करने लगे हैं और अगर यही रफ्तार रही तो 2028 तक हम शायद अपने डिवाइस से बात करते हुए ही हर काम पूरा करने लगेंगे.

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