Washington: अमेरिकी सांसद थॉमस आर सुओजी ने बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या पर नाराजगी जताई है. उन्होंने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर जानकारी मांगी है. इसके लिए सांसद थॉमस ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को पत्र लिखा है. थॉमस ने हाल की हिंसक घटनाओं और ईशनिंदा कानूनों के दुरुपयोग पर चिंता जताई. कहा कि इन मुद्दों पर उन्हें विस्तार से जानकारी दी जाए ताकि वह बांग्लादेशी-अमेरिकी समुदाय की चिंताओं को उठा सकें.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को चेतावनी
वहीं अमेरिका के कुछ प्रभावशाली सांसदों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को चेतावनी दी है कि अगर फरवरी में होने वाले चुनावों से पहले राजनीतिक दलों की भागीदारी पर रोक लगाई गई तो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना संभव नहीं होगा. इन सांसदों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कहा कि सरकार को सभी राजनीतिक दलों से संवाद कर लोकतांत्रिक संस्थाओं में लोगों का भरोसा दोबारा कायम करना चाहिए.
थॉमस आर सुओजी ने भी इस पर किए हस्ताक्षर
यह पत्र अमेरिकी सांसद ग्रेगरी डब्ल्यू मीक्स, बिल हुइजेंगा और सिडनी कैमलैगर-डोव ने लिखा. जबकि जूली जॉनसन और थॉमस आर सुओजी ने भी इस पर हस्ताक्षर किए. मंगलवार को यूनुस को पत्र में सांसदों ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि 2024 में जुलाई और अगस्त के प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बलों की कार्रवाई में लगभग 1,400 लोगों की मौत हुई थी. उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के लिए जवाबदेही तय करना जरूरी है ताकि बदले की राजनीति का सिलसिला खत्म हो सके.
व्यक्तिगत जिम्मेदारी का सिद्धांत बुनियादी मानवाधिकार
सांसदों की सबसे बड़ी चिंता किसी राजनीतिक दल की गतिविधियों को पूरी तरह निलंबित करने के फैसले को लेकर थी. उन्होंने कहा कि संगठन बनाने की स्वतंत्रता और व्यक्तिगत जिम्मेदारी का सिद्धांत बुनियादी मानवाधिकार हैं. किसी पूरे दल पर रोक उन सिद्धांतों के खिलाफ है. उन्होंने अंतरिम सरकार से इस फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा और बताया कि सभी दलों की भागीदारी से ही जनता का भरोसा लौटाया जा सकता है.
निष्पक्ष चुनाव में सरकार चुनने का अधिकार
सांसदों ने कहा कि आखिरकार, बांग्लादेश के लोगों को एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में चुनी हुई सरकार चुनने का अधिकार है, जिसमें सभी राजनीतिक दल हिस्सा ले सकें ताकि उनकी आवाज सुनी जा सके.
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