White House: हाल ही में खबर सामने आई थी कि अमेरिका ने अपने सैन्य डे के परेड में पाकिस्तानी सेना के जनरल असीम मुनीर को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया है, लेकिन अमेरिकी सशस्त्र बलों की 250वीं वर्षगांठ के समारोह में असीम मुनीर कहीं नजर नहीं आए. ऐसे में अब लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि क्या सच में व्हाइट हाउस ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख को निमंत्रण दिया भी था या नहीं.
बता दें कि अमेरिकी सशस्त्र बलों की 250वीं वर्षगांठ के मौके पर असीम मुनीर के निमंत्रण वाली खबर को व्हाइट हाउस ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है. इसके साथ ही उसने यह स्पष्ट भी किया है कि इस परेड में किसी भी विदेशी सैन्य नेता को आमंत्रित नहीं किया गया था.
पूरे विवाद पर लगा विराम
अमेरिका का यह स्पष्टीकरण उन रिपोर्टों के बाद आया है जिनमें दावा किया गया था कि अमेरिका ने जनरल मुनीर को न्योता भेजा था, जिसके बाद भारत में तीखी राजनीतिक प्रतिक्रिया शुरू हो गई थी. हालांकि व्हाइट हाउस के इस नए खुलासे के बाद से पूरे विवाद पर विराम लग गया है.
भारत के लिए ‘राजनयिक झटका’
वहीं, असीम मुनीर के वाशिंगटन दौरे को कांग्रेस पार्टी ने भारत के लिए ‘राजनयिक झटका’ करार दिया था, खासकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकी शिविरों पर भारत के हालिया सटीक हमले) के आलोक में। इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने पूछा, ‘यह वही व्यक्ति है जिसने पहलगाम आतंकी हमले से ठीक पहले भड़काऊ और भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया था, सवाल उठता है कि अमेरिका की मंशा क्या है?’
भाजपा ने जयराम नरेश पर लगाए ये आरोप
हालांकि भाजपा ने जयराम नरेश के दावों को खारिज कर दिया और उनपर ‘गलत सूचना फैलाने’ और भारत की विदेश नीति पर ‘आक्षेप लगाने’ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री पर हमला करने की अपनी उत्सुकता में रमेश ने न केवल गलत सूचना फैलाई, बल्कि भारत की विदेश नीति पर भी संदेह जताया, जो प्रभावी रूप से पाकिस्तान के हितों की सेवा करने वाले आख्यानों को दोहराता है.’
पीटीआई ने अमेरिका में प्रदर्शन का किया ऐलान
इसके अलावा, पाकिस्तान के सेना प्रमुख की वाशिंगटन यात्रा की खबरों ने अमेरिका में पाकिस्तानी समुदाय के बीच विरोध प्रदर्शन को भी बढ़ावा दिया था. इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने अमेरिकी राजधानी में प्रदर्शन की घोषणा की थी. दरअसल, पीटीआई के विदेश मामलों के सचिव सज्जाद बुर्की ने 14 जून को वाशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर पाकिस्तानी-अमेरिकियों से इकट्ठा होने का आह्वान करते हुए कहा था कि व्हाइट हाउस को बता दें कि इस सरकार के साथ कोई भी समझौता पाकिस्तान के लोगों को स्वीकार्य नहीं है.’
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