Xi Jinping: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का मई महीने के आखिर में अचानक से सार्वजनिक रूप से गायब होना अब कई सवाल खड़े कर रहा है. यहां तक कि अब चीन में सरकारी मीडिया, सार्वजनिक कार्यक्रमों और कूटनीतिक कार्यक्रमों से उनकी लंबे समय तक अनुपस्थिति ने उनके स्वास्थ्य, अधिकार और यहां तक कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के भीतर सत्ता संघर्ष या तख्तापलट की संभावना को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
ऐसे में दावा किया जा रहा है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जनरलों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में एक ये भी सवाल है कि क्या जिनपिंग के ‘गायब’ होने के पीछे उनके ही आर्मी के जनरल्स हैं.
सरकारी मीडिया ने शी जिनपिंग पर चुप्पी साधी
दरअसल, आमतौर चीनी के सरकारी मीडिया शी जिनपिंग की कवरेज से भरा रहता है, लेकिन हाल ही में मीडिया ने राष्ट्रपति पर अपनी रिपोर्टिंग में उल्लेखनीय कमी की है. इसके अलावा, विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के हाई-प्रोफाइल दौरे अब निचले स्तर के पार्टी अधिकारियों द्वारा संभाले जा रहे हैं, इस कदम ने अफवाहों को और हवा दी है.
चीन राजनीति में होगा बड़ा बदलाव
हालांकि इससे पहले ही चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से इस बात की पुष्टि की जा चुकी है कि शी जिनपिंग ब्राजील में होने वाले आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे, जो ब्लॉक में चीन की अग्रणी भूमिका को देखते हुए एक असामान्य कदम है. ऐसे मौकों पर जिनपिंग का लागों की नज़रों से ओझल होना ऐतिहासिक रूप से चीन में सत्ता परिवर्तन या राजनीतिक उथल-पुथल के साथ हुआ है, जिससे पर्यवेक्षक यह पूछने पर मजबूर हो जाते हैं: क्या कोई बड़ी राजनीतिक घोषणा या बदलाव होने वाला है?
सैन्य असंतोष और आंतरिक विद्रोह के संकेत
बता दें कि एक मजबूत और सत्तावादी नेता के रूप में जानें जाने वाले शी जिनपिंग ने हाल ही के वर्षों में पार्टी के नियमों को फिर से लिखकर, सैन्य अधिकारियों को हटाकर और असहमति को शांत करके सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है, लेकिन चीनी सैन्य प्रतिष्ठान के भीतर, विशेष रूप से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के भीतर आंतरिक घर्षण के संकेत बढ़ रहे हैं.
ऐसे में जून की शुरुआत में बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ एक बैठक के दौरान, पर्यवेक्षकों ने चीनी राष्ट्रपति के बॉडी लैंग्वेज में एक असामान्य बदलाव देखा, दरअसल, इस दौरान वो शांत दिखाई दिए, उनकी सुरक्षा व्यवस्था कम हो गई, और रेड-कार्पेट ट्रीटमेंट कम हो गया. इसके तुरंत बाद, उनके पिता की समाधि की आधिकारिक स्थिति को चुपचाप रद्द कर दिया गया, जो जिनपिंग के कम होते प्रतीकात्मक अधिकार का एक और संभावित संकेत है.
कौन ले सकता है शी जिनपिंग की जगह?
ऐसे में जानकारों का कहना है कि यदि शी जिनपिंग को जबरन चीन के राष्ट्रपति पद से हटाया जाता है या उन्हें किसी कारणवश पद छोड़ना पड़ता है, तो पीएलए के जनरल झांग यूक्सिया नेतृत्व के लिए एक प्रमुख दावेदार के रूप में उभर रहे हैं. झांग, जो कथित तौर पर शी की नीतियों के खिलाफ मुखर हो रहे हैं.
दरअसल, माना जाता है कि उन्हें पूर्व चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ का समर्थन प्राप्त है. सेना के साथ उनके घनिष्ठ संबंध और सीसीपी के भीतर बढ़ते प्रभाव उन्हें सत्ता परिवर्तन की स्थिति में संभावित उत्तराधिकारी बनाते हैं.
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