मणिपुर हिंसा: दंगाइयों ने एंबुलेंस को किया आग के हवाले, मां-बेटे सहित तीन जिंदा जले

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इंफालः मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। इस हिंसा के बीच बीच, राज्य के पश्चिम इंफाल जिले से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. यहां दंगाइयों ने तीन मासूम लोगों की जिंदगी उनसे छीन ली. दरअसल, करीब आठ वर्षीय घायल बच्चे को अस्पताल ले जाते समय एक एंबुलेंस को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया. इससे बच्चे, उसकी मां और एक अन्य रिश्तेदार जिंदा जलकर मौत हो गई.

मासूम को लगी थी गोली
इस संबंध में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी के दौरान मासूम बच्चे को सिर में गोली लग गई थी. उसे उपचार के लिए उसकी मां और एक अन्य रिश्तेदार एंबुलेंस से इंफाल के अस्पताल ले जा रहे थे. इसी बीच भीड़ ने अचानक सामने आकर एंबुलेंस को रुकवा दिया. उसमें सवार लोग जब तक कुछ समझ पाते, लोगों ने एंबुलेंस में आग लगी दी. इससे तीनों की जलकर मौके पर ही मौत हो गई. बता दें कि यह दर्दनाक घटना इसोइसेम्बा में रविवार शाम को हुई.

पुलिस ने बताई पहचान
अधिकारियों ने बताया की भीड़ ने जिन लोगों को आग की भेंट चढ़ा दिया, उनकी पहचान आठ वर्षीय तोंसिंग हैंगिंग, उसकी 45 वर्षीय मां मीना हैंगिंग और 37 वर्षीय लिडिया लोरेम्बम के रूप में हुई है. असम राइफल्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घटना की पुष्टि की है.

वहीं, सूत्रों की माने तो कांगचुप में असम राइफल्स के राहत शिविर में ये लोग रह रहे थे. 4 जून की शाम को अचानक इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई. कैंप में होने के बावजूद बच्चे के सिर में एक गोली लग गई. असम राइफल्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने तुरंत इंफाल में पुलिस से बात की और एक एंबुलेंस की व्यवस्था की। चूंकि मां बहुसंख्यक समुदाय से थी, इसलिए बच्चे को सड़क मार्ग से इंफाल के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाने का फैसला लिया गया.

सूत्रों ने बताया कि शाम करीब 6:30 बजे इसोइसेम्बा में नागरिकों ने एंबुलेंस को रास्ते में रोक लिया और उसे आग के हवाले कर दिया, जिससे वाहन में सवार तीनों लोगों की मौत हो गई.

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