कैसे हुई World IVF Day की शुरुआत? जानें इतिहास और उद्देश्य

Must Read

World IVF Day 2023: मेडिकल साइंस ने सालों पहले ही गर्भधारण की कृत्रिम प्रक्रिया को ढूंढ निकाला था. इस प्रक्रिया को आईवीएफ (IVF) कहा जाता है. पिछले कुछ वर्षों से IVF का चलन काफी बढ़ गया है. किसी कारण वश अगर कोई महिला मां नहीं बन पाती है, तो यह प्रक्रिया उनके लिए तकनीक वरदान है. बांझपन की इसी समस्या को ध्‍यान में रखते हुए हर साल दुनियाभर में विश्व आईवीएफ दिवस मनाया जाता है. इसका मक्‍सद जो महिृला मां नहीं बन पाती है उसे जागरूक करना होता है. तो चलिए जानते हैं कि इस दिन को मनाने की शुरुआत कब हुई. IVF क्या है और किस तकनीकी प्रक्रिया से महिला मां बन सकती हैं.

IVF का पूरा नाम
IVF का अर्थ इन विट्रो फर्टिलाइजेशन होता है. यह प्राकृतिक तौर पर गर्भधारण में विफल हुए दंपतियों के लिए गर्भधारण का कृत्रिम माध्यम होता है.

IVF दिवस कब मनाया जाता है?
आपको बता दें कि हर साल दुनियाभर में 25 जुलाई को IVF दिवस मनाया जाता हैं. इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 1978 से हुई, जब IVF के जरिए पहले बच्चे का जन्म हुआ. तब से प्रत्‍येक वर्ष 25 जुलाई को विश्व IVF दिवस मनाया जाने लगा.

विश्व IVF दिवस मनाने का उद्देश्य
इस दिन उन भ्रूण वैज्ञानिकों को धन्यवाद दिया जाता है, जो जिंदगी बचाने के साथ ही जीवन देने का कार्य करते हैं. ऐसे दंपत्ति जो गर्भधारण करने की उम्मीद खो चुके हैं, उन्हें माता-पिता बनने की एक नई राह दिखाने के उद्देश्य से IVF दिवस मनाते हैं.

IVF दिवस का इतिहास
लेस्ली ब्राउन नाम की महिला ने 10 नवंबर 1977 को डॉक्टर पैट्रिक स्टेप्टो और रॉबर्ट एडवर्ड्स की मदद से IVF प्रक्रिया शुरू की और 25 जुलाई 1978 को एक बच्चे को जन्म दिया.

Latest News

22 September 2025 Ka Panchang: सोमवार का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

22 September 2025 Ka Panchang: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त...

More Articles Like This