Chandrayaan-3: प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर के रीबूट में जुटा ISRO, मिल सकती है बड़ी सफलता

Must Read

Chandrayaan-3 Latest Update: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी एक बार फिर से चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को एक्टिव करने की कोशिश करने वाला है. जिससे की वह अपना वैज्ञानिक प्रयोग को जारी रख सकें.  इसी कड़ी में इसरो ने कहा कि दो सप्ताह से अधिक लंबी चंद्र रात के बाद 22 सितंबर को विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ कम्युनिकेशन स्थापित करने की कोशिश की जाएगी.

रिसीवर को रखा गया एक्टिव

आपको बता दें कि चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग के कुछ दिन बाद चंद्रयान -3 के लैंडर को 4 सितंबर को सुबह लगभग 8 बजे स्लीप मोड में डाल दिया गया, और इसके पेलोड निष्क्रिय कर दिए गए. हालांकि, इस दौरान इसके रिसीवर को एक्टिव रखा गया था. चांद पर लैंडिंग के बाद करीब 15 दिनो तक रोवर ने सल्फर सहित कई महत्वपूर्ण तत्वों की खोज की थी. इसके अलावा चांद के दक्षिणी ध्रुवकी तस्वीरें भी भेजी थीं.  इसरो ने लैंडर के स्लीप मोड को हटाने का ऐलान किया है.

इसरो के वैज्ञानिकों ने कहा कि मॉड्यूल को रीबूट करने की कोशिश की जाएगी. क्योंकि सूर्य की रोशनी में दोनों की बैटरी फुल चार्ज हैं. इसलिए इसरो को इस बात की उम्मीद है कि आगामी 15 दिनों तक रोवर और विक्रम एक बार फिर चांद से जुड़ी जानकारियां देते रहेंगे.

चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने वाला पहला देश बना भारत

गौरतलब हो कि इसरो के तीसरे चंद्रमा मिशन ने भारत को यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बना दिया. चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने वाला  भारत पहला देश बन गया है. इसके साथ ही आपको बता दें कि जिस स्थान पर चंद्रयान-3 विक्रम लैंडर ने सॉफ्ट लैंडिंग की थी, उसे “शिव शक्ति पॉइंट” नाम दिया गया, और जिस स्थान पर चंद्रयान-2 लैंडर 2019 में चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, उसे “तिरंगा पॉइंट” कहा गया.

Latest News

दिल्ली आर्बिट्रेशन वीकेंड 3.0 की शुरुआत, CJI बी.आर. गवई बोले– ‘वैश्विक आर्बिट्रेशन हब बनने की कगार पर भारत’

CJI BR Gavai Speech: भारत को अंतरराष्ट्रीय आर्बिट्रेशन का केंद्र बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए...

More Articles Like This