UGC: शिक्षा में जी20 देशों का गुरु बनेगा भारत, घर बैठे विदेशी संस्‍थानों की डिग्री पाने का मिलेगा मौका

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UGC President: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा कि भारत अब शिक्षा में जी-20 देशों का गुरु बनेगा. खास बात तो यह है कि भारत की पहली सबसे बड़ी डिजिटल यूनिवर्सिटी मार्च 2024 तक आ जाएगी. इसके साथ ही अब छात्रों को कहीं से भी एक से अधिक संस्थानों और भारतीय भाषाओं में पढ़ाई की आजादी मिलेगी. इसमें भारतीय उद्योगों के साथ-साथ एडुटेक कंपनियां भी शामिल हो सकती हैं.

भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को मिलेगा बढ़ावा

प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया कि भारत की मेजबानी में जी -20 सफलतापूर्वक आयोजित और दिल्ली घोषणा पत्र भी जारी हुआ. जिसके तहत विकासशील देशों के लिए डिजिटल, गुणवत्ता, नवाचार, तकनीकी, शिक्षकों के प्रशिक्षण, कौशल आदि के माध्यम से मदद की जाएगी. घोषणा पत्र में निर्धारित सभी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर यूजीसी एक रोडमैप तैयार कर रहा है. जी 20 में जारी दिल्‍ली घोषणा पत्र भारत शिक्षा में सदस्य देशों की मदद करेगा. गुणवत्ता, ऑनलाइन शिक्षा, रिसर्च, शिक्षकों की ट्रेनिंग और कौशल विकास पर खास तौर पर काम करेंगे.

यूजीसी घोषणा पत्र में निर्धारित उच्च शिक्षा की सभी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का रोडमैप बना रहा है. इसमें भारत में विदेशी कैंपस खोलने के लिए नियम बनाने का काम अंतिम चरण में है. भारतीय शिक्षा का अंतरराष्ट्रीय शीर्ष विदेशी सॉफ्ट पावर कूटनीति के रूप में काम कर सकता है. इससे दूसरे देशों के साथ सकारात्मक संबंधों और भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को बढ़ावा मिलेगा. शैक्षिक साझेदारी के माध्यम से राजनियक संबंधों को भी मजबूती मिलेगी.

भाषा की आजादी, गुणवत्ता से समझौता नहीं
हब-एंड-स्पोक मॉडल पर आधारित देश की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी को एआई, एमएल, वीआर, एआर, ब्लॉकचेन आदि का उपयोग करके अत्याधुनिक आईसीटी प्लेटफार्म पर विकसित किया जाएगा. दरअसल, डिजिटल यूनिवर्सिटी की पढ़ाई में गुणवत्ता बढ़ाने पर खास काम होगा. इसके अलावा मौजूदा प्लेटफार्म स्वयं, स्वयं-प्रभा चैनल, ईपीजी-पाठशाला, ज्ञानकोश, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, वर्चुअल लैब्स को भी एकीकृत करेगा. इसमें उच्च भारतीय उद्योगों और एडुटेक कंपनियों को शामिल करने की तैयारी है ताकि एक ही जगह छात्रों को शीर्ष भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ कौशल पाठ्यक्रम की पढ़ाई का मौका भी मिल सके. डिजिटल यूनिवर्सिटी में छात्रों को अंग्रेजी, हिंदी के अलावा भारतीय भाषाओं में पढ़ाई की आजादी भी मिलेगी. कहीं से, कोई भी उम्मीदवार एक से अधिक किसी भी कोर्स में दाखिला ले सकेगा. इसमें उच्च शिक्षा को सुलभ बनाना और आजीवन सीखने को बढ़ावा देना होगा.


घर बैठे विदेशी संस्थानों से डिग्री पाने का मिलेगा मौका
भारतीय और विदेशी विश्वविद्यालय मिलकर भी संयुक्त, दोहरी और टिवनिंग डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करवा सकेंगे. इससे भारतीय छात्रों को घर बैठे विदेशी विश्वविद्यालय की डिग्री पाने का मौका मिलेगा. वहीं, करीब 50 भारतीय विश्वविद्यालय विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर काम करने के लिए अंतिम चरण में तैयारी कर रही है. भारत में विदेशी विवि को अपना कैंपस स्थापित करने के लिए नियम तैयार किए गए हैं, जोकि जल्द ही लांच किए जाएंगे.


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