भारत के छोटे शहरों में डिजिटल भुगतान और क्रेडिट अपनाने में तेजी देखी जा रही है और ये शहर हाल ही में महत्वपूर्ण हब बनते जा रहे हैं. डिजिटल भुगतान कंपनी वीसा द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन शहरों में डिजिटल भुगतान की वृद्धि मेट्रो शहरों से भी तेज हो रही है. रिपोर्ट के अनुसार, शहरों जैसे कि हावड़ा, आसनसोल, तिरुपुर और जुनागढ़ में कार्ड खर्च में 2019 से अब तक 175 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
इन छोटे शहरों में डिजिटल भुगतान मेट्रो शहरों से ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इन शहरों में सालाना 2 लाख रुपए से अधिक खर्च करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई है, जबकि मेट्रो शहरों में यह वृद्धि 1.4 गुना रही है. वीसा इस वृद्धि को इन छोटे शहरों में बढ़ती हुई उपभोक्ता आय और क्रय शक्ति के साथ-साथ सस्ती तकनीक और सरकार की डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं द्वारा सक्षम बेहतर डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ता है. ईकॉमर्स का विस्तार भी इस वृद्धि में योगदान कर रहा है और 2019 से 2024 के बीच छोटे शहरों में ऑनलाइन खर्च का हिस्सा 53% बढ़कर 73% हो गया है.
वस्त्र, यात्रा और मनोरंजन जैसी श्रेणियों में विवेकाधीन खर्च में भी तेजी आई है, जिसमें एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म्स ने इस मांग का अधिकांश हिस्सा अपने कब्जे में लिया है. हालांकि, इस वृद्धि के बावजूद, छोटे शहरों में औपचारिक क्रेडिट प्रवेश अभी भी कम है और कई उपभोक्ता अब भी अनौपचारिक उधारी स्रोतों पर निर्भर हैं. रिपोर्ट में यह आवश्यकता बताई गई है कि वित्तीय संस्थान छोटे शहरों के उपभोक्ताओं और छोटे एवं सूक्ष्म व्यवसायों के लिए विशेष रूप से उत्पाद विकसित करें.इसके साथ ही, वैकल्पिक क्रेडिट प्रोफाइलिंग विधियों को अपनाने और उपभोक्ताओं में विश्वास निर्माण के लिए ग्राहक शिक्षा पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है.
आगे बढ़ने में कुछ बाधाएं भी हैं, जैसे कि सस्ती योजनाओं की कमी, विश्वास की कमी और साइबर धोखाधड़ी का जोखिम. हालांकि, ये चुनौतियां Buy Now, Pay Later (BNPL) जैसी योजनाओं और वॉयस-आधारित डिजिटल इंटरफेस जैसे उत्पादों के लिए अवसर प्रदान करती हैं, जैसा कि रिपोर्ट में संकेत दिया गया है.

