‘जमीन हड़पने वाला शिकारी’, ईरान पर अमेरिकी हमले को लेकर उत्तर कोरिया ने ट्रंप पर साधा निशाना

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DPRK: उत्तर कोरिया ने ईरान के खिलाफ अमेरिकी हमले की कड़ी निंदा की है और इसे एक संप्रभु राज्य के सुरक्षा हितों और क्षेत्रीय अधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताता है. उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि मध्य पूर्व में मौजूदा तनाव के लिए अमेरिका और इजरायल जिम्मेदार हैं, जो यरुशलम के “लगातार युद्ध के कदमों और क्षेत्रीय विस्तार” से पैदा हुआ है, जिसे पश्चिम ने स्वीकार और प्रोत्साहित किया है.

इजरायल के क्षेत्रीय विस्तार को प्रोत्साहित कर रहा अमेरिका

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए उत्तर कोरिया ने कहा कि अमेरिका, इजरायल को जमीन हड़पने वाला बना रहा है. वह इजरायल के क्षेत्रीय विस्तार को प्रोत्साहित कर रहा है. उत्तर कोरिया ने कहा कि किसी देश की क्षेत्रीय अखंडता और राजनीतिक स्वतंत्रता में बाधा डालने वाले खतरे या बल प्रयोग का विरोध करना ही संयुक्त राष्ट्र चार्टर की मूल भावना और उद्देश्य है, जिसे पूरी अंतरराष्ट्रीय बिरादरी भी मानती है.

DPRK ने बढ़ते तनाव को लेकर दिया बयान

बयान में कहा गया, “न्यायसंगत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अमेरिका और इजरायल के टकरावपूर्ण कृत्यों के खिलाफ सर्वसम्मति से निंदा और अस्वीकृति की आवाज उठानी चाहिए.” ईरान और उत्तर कोरिया ने मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखे हैं और बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास सहित सैन्य सहयोग के दशकों से संदेह के घेरे में हैं. इस समय मध्य पूर्व की स्थिति वैश्विक शांति और सुरक्षा की नींव को हिला रही है और इसका कारण है इजरायल का लगातार युद्धों और जमीन के विस्तार के जरिए अपने एकतरफा हितों को आगे बढ़ाना. इसके पीछे पश्चिमी देशों की वह सोच है, जिसने ऐसी कार्रवाइयों को छूट दी और बढ़ावा दिया.

वैश्विक समुदाय से एकजुटता की अपील

बयान के अंत में उत्तर कोरिया ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह अमेरिका और इजरायल की इन शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों की एकजुट होकर निंदा और विरोध करे. यह संप्रभु राज्य के सुरक्षा हितों और क्षेत्रीय अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है. उत्तर कोरिया ने मध्य पूर्व में तनाव के लिए इजरायल-अमेरिका को जिम्मेदार बताया.

ईरान और उत्तर कोरिया के बीच है दोस्ताना संबंध

ईरान और उत्तर कोरिया के बीच दोस्ताना संबंध रहे हैं. संदेह किया जाता है कि दोनों बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास, मिसाइल तकनीक साझा करने समेत एक-दूसरे को सैन्य सहयोग करते रहे हैं. ईरान की खोर्रमशहर-4 को उत्तर कोरिया की ह्वासांग-10 या ह्वासांग- 12 मिसाइलों से प्रेरित माना जाता है. यही मिसाइल, ईरान ने इजरायल पर दागी है.

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