ईरान ने शुरू की परमाणु बम बनाने की तैयारी! इस्फहान का खुला एंट्रेंस गेट; सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Iran Esfahan nuclear site: ईरान और इजरायल के बीच करीब 12 दिन तक चले संघंर्ष के बाद अब जुबानी जंग का माहौल बना हुआ है. इसी बीच ईरान की एक प्रमुख परमाणु साइट पर संदिग्ध गतिविधियां सामने आई हैं, जिसका खुलासा सैटेलाइट तस्‍वीरों के जरिए हुआ है.

दरअसल, 27 जून को ली गई नई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि ईरान के इस्फहान स्थित यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटी (UCF) के भूमिगत परिसर के एक पुराने टनल एंट्री पॉइंट को फिर से खोला गया है, जिसे पहले सील कर दिया गया था. हालांकि ईरान की ओर से इस गतिविधि पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

फोर्डो साइट पर भी जारी है गतिविधि

वहीं, ईरान के इस कदम को लेकर जानकारों का मानना है कि अमेरिकी हमले के बाद रणनीतिक पुनर्निर्माण या क्षति मूल्यांकन का हिस्सा हो सकता है. ऐसे में अमेरिकी खुफिया एजेंसियां और वैश्विक पर्यवेक्षक इस घटनाक्रम को करीब से मॉनिटर कर रहे हैं. इसी बीच, अमेरिकी रक्षा और खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया है कि फोर्डो न्यूक्लियर फैसिलिटी पर मिट्टी की खुदाई और निर्माण कार्य भी तेज़ी से शुरू कर दिया गया है.

खुदाई मशीनें व अन्य भारी वाहन मौजूद

एजेंसियों के मुताबिक, मैक्सार टेक्नोलॉजी द्वारा जारी सैटेलाइट इमेज में खुदाई मशीनें, ट्रक और अन्य भारी वाहनों की मौजूदगी स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है. ऐसे में इजरायली विश्लेषकों का मानना है कि यह गतिविधि शायद उस गंभीर रूप से संवेदनशील यूरेनियम सामग्री से जुड़ी हो सकती है, जिसका अब तक कोई स्पष्ट पता नहीं चल पाया है.

टॉमहॉक मिसाइल से किया गया हमला

वहीं, अमेरिकी सीनेट में अमेरिकी जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल डैन कैन ने बताया कि इस्फहान पर हुए हमले में बंकर बस्टर बम का इस्‍तेमाल नहीं किया गया था, बल्कि अमेरिका ने पनडुब्बी से दागी गई टॉमहॉक मिसाइलों के जरिए सटीक हमले किए, क्योंकि इस्फहान का परमाणु ठिकाना इतनी गहराई में है कि पारंपरिक बम वहां असरदार नहीं होते.

ईरान पर दोबारा हमला करेंगे ट्रंप

इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान को चेतावनी दी है. दरअसल, जब उनसे सवाल किया गया कि क्‍या वो जरूरत पड़ने पर दोबारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करेंगे, तो उन्होंने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि “बिलकुल, बिना किसी झिझक के.”

ट्रंप को सीनेट में भी मिला समर्थन

हालांकि इस मामले में ट्रंप को राजनीतिक समर्थन भी मिल रहा है, क्‍योंकि अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के बहुमत (53-47) है. ऐसे में कई वरिष्‍ठ सांसदों ने ट्रंप की ओर से कांग्रेस की पूर्व स्वीकृति के बिना किए गए हवाई हमलों का समर्थन करते हुए कहा कि राष्ट्रपति को राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में तत्काल निर्णय लेने का अधिकार मिलना चाहिए.

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