6 जुलाई को 90 साल के हो जाएंगे दलाई लामा, जन्मदिन पर हो सकता है उत्तराधिकारी का ऐलान

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Dalai Lama Birthday: हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित मैकलोडगंज में तिब्‍बती आध्‍यात्मिक नेता दलाई लामा के 90वें जन्‍मदिन की तैयारियों जोरों-शोरों से चल रही है. निर्वासित तिब्‍बती आध्‍यात्मिक नेता दलाई लामा 6 जुलाई को 90 साल के हो जाएंगे. अपने जन्‍मदिन से पहले आयोजित प्रार्थना समारोह में अब तक का सबसे बड़ा संकेत दिया है. दलाई लामा ने संकेत दिया है कि 600 वर्ष पुरानी परंपरा उनकी मृत्‍यु के बाद भी जारी रहेगी. आध्‍यात्मिक नेता दलाई लामा की ओर से दिए गए इस संकेत के बाद दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी है कि वो अपने उत्‍तराधिकारी का ऐलान कब करेंगे.

पूरे साल मनाया जाएगा दलाई लामा का जन्मदिन

दलाई लामा उनका नाम नहीं बल्कि यह पद का संबोधन है उनका वास्‍तविक नाम ल्हामो धोंडुप है. तिब्बती आध्यात्मिक नेता का जन्मदिन पूरे वर्ष मनाया जाएगा. यह 6 जुलाई को मैक्लोडगंज, धर्मशाला में सीटीए यानी तिब्बती सरकार-इन-एक्साइल मुख्यालय में शुरू होगा.

जन्मदिन के कार्यक्रम अगले साल 5 जुलाई तक चलेगा. सीटीए के कई मंत्रियों ने कहा है कि दलाई लामा 90 साल के होने पर अपने उत्तराधिकारी की घो‍षणा कर सकते हैं. 6 जुलाई को दलाई लामा के जन्मदिन समारोह में शामिल होने के लिए दुनिया भर से 300 से अधिक गणमान्य लोगों के धर्मशाला पहुंचने की संभावना है.

2 जुलाई से शुरू होगा धार्मिक सम्मेलन

तिब्बती सरकार-इन-एक्साइल के स्पीकर खेनपो सोनम तेनफेल ने बताया कि मैक्लोडगंज में 2 जुलाई से एक तीन दिवसीय धार्मिक सम्मेलन शुरू हो रहा है. इसमें उत्तराधिकारी पर भी चर्चा हो सकती है. स्पीकर ने यह भी कहा कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को चीन के बाहर, स्वतंत्र दुनिया से होना चाहिए, जैसा कि हमारे पवित्र नेता ने कहा है. किसी भी स्थिति में तिब्बती केवल दलाई लामा के बताए गए उत्तराधिकारी को ही स्वीकारेंगे.

चालबाजी करना चाहता है चीन

इस साल मार्च में प्रकाशित अपनी किताब ‘वॉइस फॉर द वॉइसलेस’ में पहली बार दलाई लामा ने बताया था कि उनका उत्तराधिकारी स्वतंत्र दुनिया में और चीन के बाहर पैदा होगा. दलाई लामा का यह संकेत इस वजह से बेहद महत्‍वपूर्ण है क्योंकि चीन यहां भी अपनी चालबाजी करना चाहता है. चीन चाहता है कि वह उत्तराधिकारी को चुने. बता दें कि तिब्बती सरकार-इन-एक्साइल की स्थापना 1960 में धर्मशाला, कांगड़ा में हुई थी.

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