भारत सरकार की उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना देश के विनिर्माण आधार को मजबूत करने और निर्यात को बढ़ावा देने में अहम साबित हो रही है. संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, अब तक 14 विभिन्न क्षेत्रों में कुल 806 आवेदनों को मंजूरी दी जा चुकी है. चालू वित्त वर्ष में जुलाई तक ही 1,856 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन वितरित किया गया है. इसके साथ ही योजना की शुरुआत से अब तक कुल 21,689 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है.
कितना हुआ निवेश और वितरण ?
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया, 1.97 लाख करोड़ रुपए के कुल परिव्यय वाली पीएलआई योजनाएं भारतीय उद्योगों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने और बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने के लिए तैयार की गई हैं. जून तक इस योजना के तहत 1.90 लाख करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त हुआ है.
उत्पादन, निर्यात और रोजगार में बढ़ोतरी
इस योजना से अब तक 17 लाख करोड़ रुपए से अधिक का उत्पादन और बिक्री हुई है, जबकि निर्यात 7.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है. इसके साथ ही 12.3 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मा सेक्टर सबसे बड़े लाभार्थी
मोबाइल फोन उत्पादन में 2020-21 से 2024-25 के बीच 146% की वृद्धि हुई है और मोबाइल निर्यात आठ गुना बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है. वहीं, फार्मा सेक्टर ने तीन वर्षों में 2.66 लाख करोड़ रुपए की बिक्री दर्ज की, जिसमें 1.70 लाख करोड़ रुपए का निर्यात शामिल है.
इस अवधि में भारत थोक दवाओं के शुद्ध आयातक से शुद्ध निर्यातक बन गया है. सरकार ने दावों के तिमाही वितरण, ऑनलाइन आवेदन प्रणाली, सरल अनुपालन नियम और तेज अनुमोदन जैसी प्रक्रियाओं को लागू किया है, ताकि उद्योगों को समय पर लाभ मिल सके.