Russia-Ukraine war: रूस-यूक्रेन जंग को छिड़े हुए करीब तीन साल हो गए, लेकिन अभी भी युद्ध के समाप्त होने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है, बल्कि दोनों देश एक दूसरे पर वार पलटवार कर रहे है. ऐसे में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस को संबोधित करते हुए रूस के खिलाफ साजिश करने वाले देशों को चेतावनी दी. साथ ही उन्होंने यूक्रेन पर हमले रोकने के लिए कुछ शर्तें भी रखीं हैं.
रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने कहा कि रूस के खिलाफ किसी भी आक्रमण का दृढ़ता से जवाब दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश रूस के खिलाफ बल प्रयोग की धमकियां लगातार दे रहे हैं और मॉस्को पर नाटो और यूरोपीय संघ के देशों पर हमला करने की योजना बनाने का आरोप लगा रहे हैं. हालांकि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने बार बार इस तरह के उकसावे को खारिज किया है. लावरोव ने कहा कि रूस का ऐसा कोई इरादा न तो कभी था और न ही है.
रूस ने रखी ये शर्त
वहीं, रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर लावरोव ने कहा कि “जैसा कि राष्ट्रपति ने बार-बार कहा है कि रूस शुरू से ही संघर्ष के मूल कारणों को खत्म करने के लिए बातचीत के लिए तैयार रहा है और रहेगा, लेकिन रूस की सुरक्षा और महत्वपूर्ण हितों की विश्वसनीय गारंटी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यूक्रेन के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में रूसियों और रूसी भाषी लोगों के अधिकारों को बहाल किया जाना चाहिए और उनका सम्मान किया जाना चाहिए. इस आधार पर हम यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी पर बात करने के लिए तैयार हैं.
अमेरिका-रूस संबंधों पर बोले लावरोव
इसके अलावा, रूस के अमेरिका के साथ संबंधों पर लावरोव ने कहा कि रूस को दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रहने की उम्मीद है, खासकर अगस्त में अमेरिकी राज्य अलास्का में हुई शिखर वार्ता के बाद. उन्होंने कहा कि रूस अमेरिका की ओर से न केवल यूक्रेन संकट के समाधान के लिए यथार्थवादी तरीके खोजने में योगदान देने की चाह रखता है, बल्कि बिना किसी वैचारिक रुख अपनाए व्यावहारिक सहयोग विकसित करने की इच्छा भी रखता है.
लावरोव ने दोहराया पुतिन का नया प्रस्ताव
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस और अमेरिका विश्व की स्थिति और मानवता को एक नए युद्ध में धकेलने वाले जोखिमों से बचाने के लिए विशेष जिम्मेदारी लेते हैं. इसके अलावा, लावरोव ने पुतिन द्वारा प्रस्तावित एक नई पहल को भी दोहराया. उन्होंने कहा कि मास्को फरवरी 2026 में नई सामरिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि (न्यू स्टार्ट) की समाप्ति के बाद एक वर्ष तक परमाणु हथियारों की सीमा का पालन करने के लिए तैयार है, बशर्ते अमेरिका भी यही कदम उठाए और ऐसी कार्रवाइयों से परहेज करे जो निवारक क्षमताओं के मौजूदा संतुलन को बिगाड़ सकती हैं.
क्या है रूस और अमेरिका के बीच की न्यू स्टार्ट संधि?
बता दें कि रूस और अमेरिका द्वारा साल 2010 में हस्ताक्षरित न्यू स्टार्ट संधि तैनात किए गए परमाणु हथियारों और सामरिक वितरण प्रणालियों की संख्या पर सीमा लगाती है. यह संधि 5 फरवरी, 2011 को लागू हुई थी और 5 फरवरी, 2021 को समाप्त होनी थी. मॉस्को और वाशिंगटन ने आधिकारिक तौर पर इस संधि को पांच साल के लिए बढ़ाकर फरवरी 2026 कर दिया है.
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