UAE के सुल्तान अहमद बिन सुलायेम ने किए BAPS हिंदू मंदिर के दर्शन, भव्यता देख बोले- अद्भुत अनुभव

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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BAPS temple: संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के प्रमुख व्यवसायी, डीपी वर्ल्ड के ग्रुप चेयरमैन एवं सीईओ, पोर्ट्स, कस्टम्स और फ्री ज़ोन कॉर्पोरेशन के चेयरमैन सुल्तान अहमद बिन सुलायेम ने अपने बेटे गनीम बिन सुलायेम के साथ अबू धाबी स्थित बीएपीएस हिंदू मंदिर का दर्शन किया. इस दौरान उन्‍होंने करीब दो घंटे मंदिर की भव्य वास्तुकला, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव किया. ऐसे में स्वामी ब्रह्मविहारदासजी ने सुल्तान अहमद बिन सुलायेम का आभार व्यक्त किया.

स्वामी ब्रह्मविहारदासजी ने बताया कि किस प्रकार बिन सुलायेम ने मंदिर की यात्रा में निरंतर सहयोग दिया, चाहे कोविड-19 की चुनौतियों के समय मंदिर के पत्थरों के परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराना हो या मंदिर के लिए टिकाऊ और प्रगतिशील पहलों का समर्थन करना. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उद्घाटन से पहले, उस समय और उसके बाद भी बिन सुलायेमजी की उपस्थिति एक शक्ति और प्रेरणा का स्रोत रही है.

एक अद्भुत रचना का साक्षात्कार

वहीं, सुल्तान अहमद बिन सुलायेम ने कहा कि मैं सम्मानित हूं कि हम यहां आए. यह अद्भुत रचना का एक छोटा हिस्सा बनना सम्मानजनक है, यह पिछली यात्रा से यह पूरी तरह अलग है. स्थान-चयन प्रेरणादायी था. महामहिम को पता था कि यही सबसे उत्तम स्थान होगा. उन्होंने मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि जब मैं पहली बार आया था, तब मचान, कच्ची जमीन और रेत के ढेर थे. आपने 3डी प्रिंटेड दीवारें, इमर्सिव स्क्रीन और अद्भुत नक्काशी का वर्णन किया था. मैं समझ तो सकता था, लेकिन कल्पना नहीं कर पाया. आज पूर्ण रूप में देखना वास्तव में अद्भुत है.

डिजाइन और अनुभव में समरसता

सुलायेम ने मंदिर के डिजाइन की तारीफ करते हुए कहा कि सब कुछ पूरी तरह मेल खाता है. उन्होंने कहा कि डिजाइन की समरसता मुस्कान लाती है. आगंतुक यहां केवल स्वागत ही नहीं पाते, बल्कि संस्कृति, शिक्षा और समझ का अनुभव करते हैं. यह यात्रा संस्कृतियों को जोड़ने वाला पुल है. यूएई की सहिष्णुता पर जोर देते हुए बिन सुलायेम ने कहा कि समरसता महामहिम शेख जायेद से शुरू नहीं हुई, उनके पूर्वजों ने इसे आगे बढ़ाया और महामहिम शेख मोहम्मद इसे आगे ले जा रहे हैं. यही वजह है कि विभिन्न समुदाय, विशेषकर भारतीय, यहां घर जैसा महसूस करते हैं. सहिष्णुता हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है.

मन, हृदय और आत्मा तृप्त

मंदिर को सिर्फ संरचना नहीं, बल्कि आत्मा का स्थल बताते हुए उन्होंने कहा कि यह अनंत अनुभूति देता है. मन, हृदय और आत्मा तृप्त होते हैं. यहां आने वाले लोग आत्मा का अनुभव करते हैं. सेवा में लगे लोगों की समर्पण भावना बिना बोले कहानी कहती है. हर यात्रा नया अनुभव देती है और मैं बार-बार आने की प्रतीक्षा करूंगा.

बता दें कि बीएपीएस हिंदू मंदिर का उद्घाटन 14 फरवरी 2024 को हुआ था. यह यूएई में पहला पारंपरिक हिंदू मंदिर है, जो 27 एकड़ में फैला है. इसको बनाने में राजस्थान के बलुआ पत्थर का इस्तेमाल हुआ है.

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