Russia-Pakistan Defence Deal : काफल लंबे समय से भारत और रूस रणनीतिक साझेदार रहे हैं. ऐसे में S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम, SU-30 MKI जेट्स और ब्रह्मोस मिसाइल प्रोजेक्ट दोनों देशों के गहरे संबंध के उदाहरण हैं. बता दें कि रूस ने जुलाई 2025 में भारत को SU-57 और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का ऑफर दिया और भारत इसे देश के लिए बड़ी उपलब्धि मानता है. इतना ही नही बल्कि इस साझेदारी को लेकर दोनों देशों को रणनीतिक भाई कहा जाता रहा है, लेकिन कुछ समय पहले ही रूस ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने दोनों देशों के रिश्तों की मजबूती पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
पाकिस्तान-चीन के संयुक्त JF-17 प्रोग्राम का हिस्सा
प्राप्त जनकारी के अनुसार पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताने के बावजूद रूस ने पाकिस्तान को JF-17 थंडर फाइटर जेट्स के लिए RD-93MA इंजन सप्लाई करने का फैसला किया. बताया जा रहा है कि यह डील पाकिस्तान और चीन के संयुक्त JF-17 प्रोग्राम का हिस्सा है. ऐसे में भारत को आशंका है कि इन जेट्स का इस्तेमाल उसके खिलाफ हो सकता है, विशेष रूप से पहलगाम अटैक और भारत की जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के बाद. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इसे मुख्य तौर पर मिकोयान मिग-29 फाइटर जेट के लिए बनाया गया था.
रूस-पाकिस्तान की डील से भारत पर असर
इस मामले को लेकर रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि रूस के पाकिस्तान को फाइटर जेट देने के फैसले से JF-17 की बढ़ती संख्या भारत के लिए सीधी सैन्य चुनौती तो नहीं है, लेकिन यह क्षेत्रीय संतुलन को प्रभावित जरूर करती है. क्योंकि इससे पाकिस्तान की वायुसेना को मनोवैज्ञानिक और सामरिक ताकत मिलेगी. ऐसे में भारत को अपने एयर डिफेंस और फाइटर जेट प्रोग्राम्स को और तेज़ी से आगे बढ़ाना होगा. इस दौरान यह भारत के लिए चिंता का विषय है कि उसका सबसे भरोसेमंद साझेदार अब डबल गेम खेलता दिख रहा है.
इस डील को लेकर रूस पर दबाव
बता दें कि रूस के इस फैसले को लेकर कई कारण बताए जा रहे हैं. रूस पर पश्चिमी देशों की तरफ से लगे प्रतिबंधों ने आर्थिक दबाव डाला है, इसी कारण से रूस ने ऐसा कदम उठाया है. पाकिस्तान और चीन का JF-17 प्रोग्राम वैश्विक हथियार बाजार में लोकप्रिय हो रहा है. हाल ही में अजरबैजान ने 4.6 बिलियन डॉलर की डील की है. इस वजह से ये एक रेवेन्यू का सोर्स बन गया है. इस दौरान रूस नहीं चाहता कि चीन का WS-13 इंजन RD-93MA की जगह पूरी तरह से विश्वसनीय हो जाए, जानकारी देते हुए बता दें कि 2014 से ही रूस और पाकिस्तान के बीच रक्षा सहयोग बढ़ा है, जैसे MI-35 हेलीकॉप्टर डील. रूस पाकिस्तान को उभरते हुए बाजार के रूप में देखता है.
रूस भारत को दे रहा तसल्ली
ऐसे में भारत को यकीन दिलाने की रूस पूरी कोशिश कर रहा है कि पाकिस्तान के साथ यह डील छोटी है. उन्होंने ये भी कहा कि भारत को दी जाने वाली पेशकश पाकिस्तान से कहीं बड़ी और रणनीतिक हैं—जैसे SU-57E, SU-35M और Al-31FP इंजन प्रोडक्शन. ऐसे में भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग गहरा और दीर्घकालिक रहेगा.
इस विमान की खासियत
बता दें कि JF-17 थंडर एक चौथी पीढ़ी का हल्का, सिंगल-इंजन, मल्टीरोल फाइटर जेट है. जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इसे संयुक्त रूप से पाकिस्तान एयरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स (PAC) और चीन की चेंगदू एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (CAC) ने विकसित किया. उसका मुख्य कारण यह है कि पाकिस्तान वायुसेना (PAF) के पुराने लड़ाकू विमानों जैसे A-5 C, F-7P/PG, मिराज III और मिराज V को बदलना था. ये हवाई युद्ध, जमीनी हमले और टोही मिशन के लिए कारगर साबित हो सकता है.
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