Bihar Assembly Election 2025: जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सियासी समीकरण में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. ताज़ा घटनाक्रम में पूर्व सांसद और बाहुबली नेता सूरजभान सिंह (Surajbhan Singh) ने राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) से इस्तीफा देकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन थाम लिया है. उन्हें पार्टी की सदस्यता खुद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दिलाई.
सूरजभान की पत्नी RJD में
सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी पहले से ही RJD में हैं और अब खबर है कि पार्टी उन्हें मोकामा विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है. सूत्रों की माने तो वीणा देवी गुरुवार को RJD के सिंबल पर नामांकन दाखिल करेंगी.
मोकामा सीट पर मुकाबला दिलचस्प
मोकामा सीट पर चुनावी जंग रोमांचक मोड़ पर पहुंच गई है. जेडीयू ने एक बार फिर बाहुबली नेता और लंबे समय से क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अनंत सिंह को टिकट दिया है. दूसरी ओर, आरजेडी की ओर से सूरजभान सिंह या उनकी पत्नी को मैदान में उतारने की चर्चा है. ऐसे में मोकामा में दो प्रभावशाली और दबंग नेताओं के बीच सीधा और कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है.
RJD के टिकट पर जीत चुके हैं अनंत सिंह
बता दें कि 2020 में अनंत सिंह RJD के टिकट पर जीते थे लेकिन बाद में एक केस में दोषी पाए जाने पर उनकी पत्नी नीलम देवी ने 2022 के उपचुनाव में जीत दर्ज की थी. इस बार अनंत सिंह ने पार्टी बदल ली है और जेडीयू से चुनाव लड़ रहे हैं.
तेजस्वी यादव की रणनीति
तेजस्वी यादव ने सूरजभान सिंह को पार्टी में शामिल कर भूमिहार वोट बैंक को साधने की रणनीति अपनाई है. इससे पहले बेगूसराय से बोगो सिंह और खगड़िया से जेडीयू विधायक डॉ. संजीव कुमार भी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल हो चुके हैं. सूत्रों की मानें तो इस बार RJD करीब 10 विधानसभा सीटों पर भूमिहार समाज से प्रत्याशी उतारने की योजना बना रही है.
बिहार जाति सर्वे के मुताबिक, भूमिहार आबादी 2.86 प्रतिशत और ब्राह्मण 3.65 प्रतिशत हैं. खासकर गंगा-सोन पट्टी के जिलों में भूमिहार वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं. ऐसे में सूरजभान और वीणा देवी की एंट्री से RJD को बड़ा फायदा मिल सकता है.
सूरजभान सिंह ने RLJP से क्यों दिया इस्तीफा?
अपने इस्तीफे की वजह बताते हुए सूरजभान सिंह ने कहा, पार्टी अब रामविलास पासवान की विचारधारा, सिद्धांतों और मूल्यों से पूरी तरह भटक चुकी है. उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि आज वे भारी मन से उस पार्टी को छोड़ रहे हैं जिसे उनके श्रद्धेय नेता ने खड़ा किया था.