अमेरिकी नेवी ने कैरिबियन सागर में पनडुब्बी पर किया हमला, शेयर किया धमाके का VIDEO

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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US Navy: कैरिबियन सागर में अमेरिकी नौसेना ने एक संदिग्ध ड्रग तस्करी में शामिल पनडुब्बी को समुद्र में डुबो दिया, जिसमें दो लोगों की मौत भी हो गई है, जबकि अन्‍य दो लोगों को जिंदा गिरफ्तार किया गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस ऑपरेशन की पुष्टि करते हुए इसे “मादक पदार्थों की तस्करी पर निर्णायक प्रहार” बताया है. ट्रंप ने कहा कि यह पनडुब्बी फेंटानिल और अन्य घातक मादक पदार्थों से भरी थी और अमेरिका की सीमा की ओर बढ़ रही थी.

राष्ट्रपति ट्रंप का बयान

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर अपने आधिकारिक बयान में लिखा कि “यह मेरे लिए गर्व की बात है कि हमारी सेना ने एक पनडुब्बी को नष्ट किया, जो भारी मात्रा में ड्रग्स लेकर अमेरिका की ओर आ रही थी. इसमें फेंटानिल जैसे बेहद खतरनाक पदार्थ शामिल थे. उन्‍होंने कहा बताया कि दो आतंकी मारे गए और दो संदिग्धों को पकड़ लिया गया. उन्हें उनके देश वापस भेजा गया है, जहां उन पर मुकदमा चलेगा.”

संदिग्धों की राष्ट्रीयता और कानूनी कार्यवाही

बता दें कि गिरफ्तार किए गए दो व्यक्तियों की नागरिकता इक्वाडोर और कोलंबिया की बताई गई है. इसी बीच कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेत्रो ने इस बात की पुष्टि करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “हमारे नागरिक को जीवित वापस लाया गया है और उसके खिलाफ हमारे देश के कानूनों के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी.” जबकि दूसरे संदिग्ध को इक्वाडोर की सरकार को सौंपा गया है, जहां स्थानीय एजेंसियों द्वारा उससे पूछताछ की जा रही है.

ऑपरेशन का उद्देश्य और पृष्ठभूमि

यह कार्रवाई अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा चलाए जा रहे “No Drugs to America” नामक विशेष अभियान के तहत हुई है. दरअसल, इस अभियान का लक्ष्य लैटिन अमेरिका से अमेरिका में अवैध ड्रग्स की सप्लाई को जड़ से खत्म करना है.

बता दें कि सितंबर 2025 से अब तक अमेरिकी सेनाओं ने कैरिबियन सागर में कम से कम छह बड़ी कार्रवाइयां की हैं, जिनमें संदिग्ध ड्रग्स ले जा रहे जहाज, नावें और पनडुब्बियां शामिल हैं. इनमें से कई कथित तौर पर वेनेजुएला, कोलंबिया और इक्वाडोर से रवाना हुई थीं.

ये कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत वैध?

हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप और अमेरिकी सेना इस ऑपरेशन को सुरक्षा और ड्रग नियंत्रण की बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं, लेकिन कई अंतरराष्ट्रीय कानून विशेषज्ञ और मानवाधिकार संगठनों ने इस पर सवाल उठाए हैं.

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