Chhath Puja 2025: सूर्य उपासना के महापर्व डाला छठ पर आज (सोमवार) को देश में आस्था की बयार बहेगी. गंगा घाट सहित पोखरी-तालाब और गांव से गुजरने वाले नहर आसीम आस्था के गवाह बनेंगे. व्रती महिलाएं समूहों में छठ मैया के गीत गाते हुए गंगा घाटों, पोखरी-तालाबों और नहरों पर पर पहुंचेंगी. पूजा के लिए बनाई गई वेदी पर पूजन-अर्चन करने के बाद अस्ताचल भगवान सूर्य को प्रथम अर्घ्य देंगी, जबकि दूसरा अर्घ्य मंगलवार की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्पित कर आस्था के इस महापर्व का समापन होगा.

परिवार संग दोपहर बार गंगा घाटों के लिए घर से निकलेंगी व्रती महिलाएं
दोपहर एक बजे के बाद से व्रती महिलाओं तथा उनके परिवार के अन्य सदस्यों का गंगा घाटों के लिए निकलने का क्रम शुरु हो जाएगा. चार बजते-बजते सभी गंगा घाट श्रद्धालुओं की भीड़ से पट जाएंगे. नजारा कुछ ऐसा होगा कि जिधर नजर जाएंगी, उधर सिर्फ श्रद्धा के दीवाने ही दिखाई देंगे.

वेदी पर कलश स्थापित कर करेंगी पूजा-अर्चना
घाटों पर पहुंचने के बाद व्रती महिलाएं बनाई गई वेदी को गंगा जल से धोने के बाद उस पर कलश की स्थापना करेंगी. इसके बाद वेदी पर ईंख लगाने के बाद दीप और अगरबत्ती जलाकर छठ मइया के गीत के साथ पूजन-अर्चन शुरु करेंगी.

अस्त होते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य
जैसे-जैसे सूर्य ढलने का क्रम शुरु होगा, वैसे-वैसे प्रसाद से भरे सूप को लेकर महिलाओं के मां गंगा की शरण में जाने का सिलसिला शुरु हो जाएगा. व्रती महिलाओं को पानी में उतरने के बाद उनके परिवार के लोग भी पानी के बीच जाएंगे. अस्त होते सूर्य को व्रती महिलाओं के पुत्र, पति, बेटी सहित परिवार के अन्य सदस्यों की ओर से छह बार अर्घ्य दिया जाएगा.

उगते सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न होगा आस्था का महापर्व
अर्घ्य का कार्य संपन्न होने के बाद व्रती महिलाएं हाथों में कलश लेकर छठ माता का गीत गाते हुए घरों को लौटेंगी. रात में आराम करने के बाद दूसरे अर्घ्य के लिए व्रती महिलाओं और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा रात दो बजे के बाद से घरों से निकलने का सिलसिला शुरु हो जाएगा. गंगा घाटों, पोखरी-तालाबों पर पहुंचने के बाद व्रती महिलाएं वेदी पर पूजन-अर्चन करने के बाद उगते सूर्य को अर्घ्य देंगी. इसके साथ ही आस्था के इस महापर्व का समापन होगा.

घर से पर्याप्त समय लेकर निकले
यदि आप आज दोपहर बाद घर से किसी काम से निकल रहे हैं तो पर्याप्त समय लेकर निकले. क्योंकि आज खासकर गंगा घाटों को जाने वाले मार्गों पर छठ पर्व की बयार बहेगी. एक तरफ जहां दोपहर बाद तक बाजार में पर्व से संबंधित सामानों की खरीदारी के लिए लोगों को भीड़ उमड़ेगी. वहीं शाम को प्राय: सभी गंगा घाट जाने वाले मार्गों पर आस्था का सैलाब उमड़ेगा. ऐसे में इन मार्गों पर आपको जाम का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, पुलिस प्रशासन ने गंगा घाटों को जाने वाले कई मार्गों पर वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही रूट डार्यवजन किया है.

प्रसाद बनाने में जुटी व्रती महिलाएं
आज जिन घरों में सिलेंडर की सुविधा उपलब्ध है, उन घरों से भी धुआ निकलेगा, क्योंकि छठ पर्व पर बनाए जाने वाला मुख्य प्रसाद मिट्टी और ईंट के चूल्हे पर आम की लकड़ी पर बनाया जाता है. मुख्य प्रसाद व्रती महिलाएं खुद अपने हाथ से बनाएंगी. इसके बाद अन्य प्रसादों को घर की महिलाएं बनाएंगी. जिन घरों में किसी दिक्कतवश मिट्टी और ईंट का चूल्हा नहीं बन सकता, उन घरों की व्रती महिलाएं गैस चूल्हा की अच्छे से साफ-सफाई कर उस पर मुख्य प्रसाद बनाएंगी.
बरते सावधानियां
0 महिलाएं-युवतियां उचक्कों से सावधान रहे. शरीर पर पड़े आभूषणों का ध्यान रखे.
0 व्रती महिलाएं दीप जलाकर पूजन के दौरान दीप से अपने कपड़ों को दूर रखे.
0 नौका बिहार करने से परहेज करें, अगर कर रहे हैं तो यह ध्यान रखे कि नाविक क्षमता से अधिक सवारियों को न बैठाएं.
0 कच्चे घाटों पर दलदल मिट्टी के बीच से अर्घ्य देने के दौरान पानी में सावधनी से उतरे.
0 पक्का घाटों पर अर्घ्य देने के दौरान यह ध्यान रखे कि घाट के किनारे गहरे पानी में न उतरे.
0 घाटों पर साथ पहुंचे छोटे बच्चों को आतिशबाजी करने से रोके. ध्यान रखे कि वह पानी में उछल-कूद न करे.
0 अगर भीड़ में कोई संदिग्ध महिला या पुरुष दिखाई देता है तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दे.

