दिल्ली धमाके का तुर्की से जुड़े मिले तार, जानें जांच में कैसे मिला लिंक

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Delhi Blast : हाल ही में दिल्ली में लाल किले के पास एक सफेद रंग की i20 कार में विस्फोट हुआ था. बता दें कि अभी तक इस घटना में 13 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से ज्यादा लोग घायल हैं. इसके साथ ही कई राज्यों की पुलिस और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं. जानकारी देते हुए बता दें कि इस घटना से जुड़े कई संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. इतना ही नही बल्कि भारत सरकार ने दिल्ली में ब्लास्ट की घटना को आतंकी कृत्य करार दिया है. बता दें कि जांच के दौरान पता चला कि इस घटना का लिंक एक ऐसे देश से जुड़ा है जिसे जानकर हर कोई हैरान है. सूत्रों के अनुसार दिल्ली धमाके के तार तुर्की से जुड़े पाए गए हैं.

इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आतंकी और उमर जिस हैंडलर से संपर्क में थे उस हैंडलर का नाम UKasa था. माना जा रहा है कि Ukasa कोड नेम भी हो सकता है, ऐसा एजेंसियों को शक है. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार गिरफ्तार आतंकी और डॉक्टर उमर मोहम्मद Session एप के जरिए हैंडलर से संपर्क में थे. ऐसे में जांच के दौरान हैंडलर की लोकेशन तुर्की की राजधानी अंकारा की बताई जा रही है. मार्च 2022 में कुछ लोग भारत से अंकारा गए थे. ऐसे में शक किया जा रहा है कि इनका ब्रेन वॉश किया गया था.

आतंकी के फोन से बरामद कोड वर्ड

इसके साथ ही आतंकी विदेशी हैंडलर्स से एन्क्रिप्टेड रूट माध्यम से बात करते थे और अपने प्‍लान के चलते इन्हीं पर इनको आदेश दिए जाते थे. पूछताछ के बाद पता चला कि अमोनियम नाइट्रेट, ऑक्साइड, फ्यूल ऑयल से जो ये विस्फोटक तैयार करते थे इनको कोड वर्ड में लिखा करते थे. इसके साथ ही आतंकी डॉक्टर विस्फोटक को शिपमेंट और पैकेज लिखा करते थे. बता दें कि इनके फोन से ये कोड वर्ड बरामद हुए है.

4 स्थानों पर हमले की बनाई योजना

प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक, करीब 8 संदिग्धों ने देश में 4 स्थानों पर सिलसिलेवार धमाके (Serial Blasts) करने की साजिश रची थी. इतना ही नही बल्कि इन्‍होंने और भी कई अलग-अलग शहरों में जाकर हमला करने की योजना बनाई थी. प्रत्येक ग्रुप में दो-दो सदस्य शामिल थे, मतलब कुल चार ग्रुप बनाए गए थे. जानकारी देते हुए बता दें कि सभी टीमें और सुरक्षा एजेंसियां अब इन संदिग्धों की गतिविधियों और नेटवर्क की जांच में जुटी हैं.

ऐसे नाकाम हुआ बड़ा हमला

इस घटना के बाद 12 तारीख का अलर्ट दिया गया था. जांच के दौरान जो डॉक्यूमेंट सामने आये उसमे 12 तारीख का मेंशन था. ऐसे में माना जा रहा था कि 12 तारीख को आतंकी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं, इसलिए 12 तारीख के लिए पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने खास इंतजाम किये थे. लेकिन इतनी कड़ी और सख्‍त जांच के चलते उससे पहले ही डॉक्टर मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ और 10 को उमर से पैनिक में ब्लास्ट हो गया.

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