भारत का डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर: DPI से डिजिटल इंडिया की सफलता

Shivam
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भारत के डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) ने सरकारी सेवाओं की आम जनता तक पहुंच को आसान और प्रभावशाली बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे देश को वैश्विक डिजिटल पावरहाउस के रूप में स्थापित होने में मदद मिली है. यह जानकारी रविवार को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने साझा की. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (आईआईसीए) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के बीआईएसएजी-एन के विशेष महानिदेशक, विनय ठाकुर ने भारत के डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के बारे में बताया, जिसे दुनिया में सबसे एडवांस माना जाता है.
उन्होंने बताया कि कैसे आधार, यूनाइडेट पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), डिजिलॉकर, भारतनेट, को-विन, उमंग, मेघराज क्लाउड और बीआईएसएजी-एन के जीआईएस-आधारित प्लेटफॉर्म ने कैसे भारत की गवर्नेंस, पब्लिक सर्विस डिलीवरी में बदलाव लाया और नागरिकों को सशक्त बनाया.
डिजिटल गवर्नेंस और साइबर सुरक्षा के राष्ट्रीय विशेषज्ञ, ठाकुर ने कहा कि ये उपलब्धियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी डिजिटल इंडिया आंदोलन का प्रत्यक्ष प्रतिबिंब हैं, जिसका उद्देश्य एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज और नॉलेज अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है. ठाकुर ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे प्रधानमंत्री के नेतृत्व ने टेक्नोलॉजी को सामाजिक समावेशन, पारदर्शिता और आर्थिक गति को बढ़ाने का एक माध्यम बनाया है.
ठाकुर ने देश के बढ़ते डिजिटल इकोसिस्टम को सुरक्षित करने के लिए साइबर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने बढ़ते साइबर खतरों, डीपीडीपी अधिनियम के महत्व, एआई-सक्षम साइबर हमलों, पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी (पीक्यूसी) की तत्काल आवश्यकता और डिजिटल संप्रभुता के लिए स्वदेशी समाधानों के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन, क्लाउड डिपलॉयमेंट, साइबर सिक्योरिटी और पोस्ट क्वांटम क्रिप्टोग्राफी (पीक्यूसी) के उभरते क्षेत्र के बारे में विस्तार से बताया.
सत्र की शुरुआत आईआईसीए के महानिदेशक और सीईओ ज्ञानेश्वर कुमार सिंह के स्वागत के साथ हुई, जिन्होंने भारत की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में भविष्य के लिए तैयार डिजिटल स्किल और सुरक्षित टेक्नोलॉजी के महत्व पर जोर दिया. कार्यक्रम में संकाय सदस्यों और छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र ने प्रतिभागियों को डिजिटल गवर्नेंस, डेटा सुरक्षा, क्लाउड सुरक्षा और उभरती टेक्नोलॉजी के विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझने का अवसर प्रदान किया.
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