अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप को घेरा, भारत पर लगे टैरिफ को बताया अवैध, हटाने की उठी मांग

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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US tariff on India: अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ को लेकर सियासी घमासान तेज होता हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा राष्ट्रीय आपातकाल का हवाला देकर भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 50 फीसदी तक के शुल्क अब अमेरिकी संसद के निशाने पर आ गए हैं. कई अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप के फैसले का विरोध किया है.

दरअसल, अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के तीन सदस्यों ने ट्रंप के भारत पर टैरिफ वाले फैसले को अवैध बताया है, साथ ही इसे खत्‍म करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है. बता दें कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति का यह कदम न सिर्फ उनके व्यापार नीति के खिलाफ खुला विरोध माना जा रहा है, बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों के लिए भी अहम मोड़ साबित हो सकता है.

इन सांसदों ने पेश किया प्रस्‍ताव

यह प्रस्ताव डेबोरा रॉस, मार्क वीसी और भारतीय मूल के सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने मिलकर पेश किया है, जिसका मकसद उस राष्ट्रीय आपातकालीन आदेश को समाप्त करना है, जिसके तहत भारत से आने वाले कई उत्पादों पर पहले 25 फीसदी और फिर अतिरिक्त 25 फीसदी सेकेंडरी ड्यूटी लगाकर कुल टैरिफ 50 फीसदी तक पहुंचा दिया गया था. यह शुल्क अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम (IEEPA) के तहत लगाया गया था.

भारत पर टैरिफ का अर्थव्यवस्था और रोजगार पर होगा असर

सांसदों का मानना है कि ये फैसला न तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था के हित में है और न ही आम उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद. कांग्रेसवुमन डेबोरा रॉस ने कहा कि नॉर्थ कैरोलाइना की अर्थव्यवस्था भारत से गहराई से जुड़ी है. उन्‍होंने कहा कि भारतीय कंपनियों ने वहां एक अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है, जिससे हजारों नौकरियां पैदा हुई हैं. ऐसे में भारत पर टैरिफ बढ़ाना सीधे तौर पर अमेरिकी रोजगार और कारोबार को नुकसान पहुंचाता है.

महंगाई से जुझ रहे अमेरिकी

वहीं टेक्सास से सांसद मार्क वीसी ने कहा कि ये टैरिफ आम अमेरिकियों पर टैक्स की तरह हैं, जो पहले ही बढ़ती महंगाई से जूझ रहे हैं. उनका कहना है कि भारत अमेरिका का अहम आर्थिक और रणनीतिक साझेदार है और इस तरह के फैसले दोनों देशों के रिश्तों को कमजोर करते हैं.

सप्लाई चेन पर प्रभाव

इसके अलावा, भारतीय मूल के सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने भी ट्रंप के टैरिफ को काउंटरप्रोडक्टिव बताया. उन्होंने कहा कि इससे सप्लाई चेन बाधित होती है, अमेरिकी मजदूरों को नुकसान होता है और उपभोक्ताओं पर महंगाई का बोझ बढ़ता है. उनके मुताबिक, इन टैरिफ को खत्म करना अमेरिका-भारत के बीच आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करेगा.

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