Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह दिख रहा है. पिछले चार दिनों में 70 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा की, जबकि 8,605 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था सोमवार को कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ.
70 हजार लोगों ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन
अधिकारियों के अनुसार, तीन जुलाई से शुरू अमरनाथ यात्रा के बाद से अब तक करीब 70 हजार लोगों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए. इनमें से 21,512 यात्रियों ने रविवार को दर्शन किए. इसके अलावा, 8,605 यात्रियों का एक और जत्था सोमवार को दो सुरक्षा काफिलों में जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ. अधिकारियों ने बताया कि पहला काफिला 3,486 श्रद्धालुओं को लेकर उत्तर कश्मीर के बालटाल बेस कैंप जा रहा है, जबकि दूसरा काफिला 5,119 श्रद्धालुओं को लेकर दक्षिण कश्मीर के नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप जा रहा है.
पूरे मार्ग को सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षित किया गया है
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारियों ने बताया कि जम्मू में भगवती नगर यात्री निवास में आने वाले यात्रियों के अलावा, कई श्रद्धालु यात्रा में शामिल होने के लिए मौके पर पंजीकरण के लिए सीधे बालटाल और नुनवान (पहलगाम) पहुंच रहे हैं. सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत को बढ़ाने के लिए सीएपीएफ की 180 अतिरिक्त कंपनियां लाई गई हैं. पूरे मार्ग को सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षित कर लिया गया है.
स्थानीय लोगों ने दिया पूरा सहयोग
इस साल की अमरनाथ यात्रा में स्थानीय लोगों ने पूरा सहयोग दिया है, जैसा वे पहले भी करते रहे हैं. पहलगाम आतंकी हमले से कश्मीरियों के आहत होने का संदेश देने के लिए, स्थानीय लोग पहले जत्थे के यात्रियों का स्वागत करने सबसे पहले पहुंचे. जैसे ही यात्री नौगाम सुरंग पार कर काजीगुंड से कश्मीर घाटी में पहुंचे, स्थानीय लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. रविवार को स्थानीय लोगों ने उत्तरी कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल बेस कैंप से लौट रहे यात्रियों को कोल्ड ड्रिंक और शुद्ध पेयजल परोसा. यात्रियों ने बिना हिचकिचाए स्थानीय लोगों की मेहमाननवाजी स्वीकार की और कश्मीरियों के इस प्यार के लिए उनका धन्यवाद किया.
9 अगस्त को समाप्त होगी अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई है और 38 दिनों के बाद 9 अगस्त को समाप्त होगी. श्री अमरनाथ जी यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक है, क्योंकि किंवदंती है कि भगवान शिव ने इस गुफा के अंदर माता पार्वती को शाश्वत जीवन और अमरता के रहस्य बताए थे.