तत्व की दृष्टि से देखें तो जगत का नहीं है जीव: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, परमात्मा श्रीकृष्ण के साथ सम्बन्ध रखने से जीवन और मृत्यु दोनों मंगलमय हो जाते हैं। जीव का जगत के साथ का सम्बन्ध कच्चा है। जीव का परमात्मा के साथ का सम्बन्ध ही सच्चा है। तत्व की दृष्टि से देखें तो जीव जगत का नहीं है।
जीव किसी भी जीव का नहीं है। जीव तो सिर्फ ईश्वर का ही है। किसी मानव को ‘ अपना ‘ समझने वाला जीव अज्ञानी है। “भगवान मेरे हैं और मैं भगवान का हूं” ऐसा सतत अनुभव करने वाला जीव ज्ञानी है। जब जन्म नहीं हुआ था तब न कोई पिता था, न कोई न पुत्र। न कोई पति था न कोई पत्नी। मृत्यु के बाद भी न कोई पति रहेगा न कोई पत्नी, न कोई पिता रहेगा न कोई पुत्र।
पति-पत्नी, पिता-पुत्र का सम्बन्ध व्यावहारिक दृष्टि से सत्य लगने पर भी तत्व की दृष्टि से तो नित्य नहीं है। तत्त्व की दृष्टि से सोचा जाय तो जीव का कोई पति नहीं है, न कोई पत्नी, न कोई पिता है न कोई पुत्र। जीव तो ईश्वर का अंश है। यह जीव मृत्यु से पहले भी ईश्वर का था, मृत्यु के बाद भी ईश्वर का है, जन्म नहीं हुआ था तब भी ईश्वर का ही था।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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