Margashirsha Purnima 2025: हिंदू धर्म में वैसे तो हर माह पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि का महत्व है. लेकिन मार्गशीर्ष माह के पूर्णिमा (Margashirsha Purnima 2025) का अपना अलग ही महत्व है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बत्तीसी पूर्णिमा (Battisi Purnima) कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान कर, दान-उपदान करने से 32 गुणा अधिक पुण्य फल मिलता है. आइए काशी के ज्योतिष से जानते हैं कब है मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा और क्या है महत्व…
Margashirsha Purnima 2025
इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि का आरंभ 04 दिसंबर को सुबह 08 बजकर 37 मिनट पर हो रहा है. तिथि का समापन अगले दिन 05 दिसंबर को 04 बजकर 43 मिनट पर होगा. ऐसे में मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा 04 दिसंबर को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अंश दत्तादेय की जयंती भी मनाई जाती है. इसके अलावा इस दिन अन्नपूर्णा जयंती भी मनाई जाएगी.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 मुहूर्त
मार्गशीर्ष अमावस्या 04 दिसंबर को मनाई जाएगी. पूर्णिमा तिथि का व्रत, स्नान, दान आदि सभी कार्य इसी तिथि पर किया जाएगा. 04 दिसंबर को स्नान दान का शुभ मुहूर्त सुबह 04 बजकर 19 मिनट से लेकर सुबह 04 बजकर 58 मिनट तक है.
क्या है महत्व
हिंदू धर्म अगहन माह में पड़ने वाली पूर्णिमा का काफी महत्व होता है. इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के जरुरुतमंदों को जरुरत की चीजें दान करते हैं, उन्हें भगवान श्रीहरि विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस दिन किए गए पूजा पाठ और दान-उपदान का 32 गुणा अधिक फल मिलता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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