जिसका हृदय विशाल और नयन स्नेहित हों उसे ही प्रभु की कृपा होती है प्राप्त: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कृपामार्ग- जीव यदि संन्यास ले और योगमार्ग का अभ्यासी बने तभी उसे भक्ति प्राप्त होती है, इसके बिना नहीं। यही नियम है। परंतु यदि किसी जीव पर परमात्मा की कृपादृष्टि अवतरित हो तो सन्यास या योग के बिना ही जीवन मुक्ति सम्भव हो सकती है। कृपा मार्ग ऐसा दिव्य साधन है।
सभी प्रकार की साधना करते हुए भी जो अहंकार रहित होकर दीनावस्था में प्रभु के चरणों में गिर जाता है,उसी पर भगवत कृपा उतरती है। मन का मैल आंखों के आंसुओं से धुलता है। भगवान के लिए जो रुदन करता है, भगवान उसी पर कृपा करते हैं। जिसका हृदय विशाल और नयन स्नेहित हों उसे ही प्रभु की कृपा प्राप्त होती है।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा,
(उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
Latest News

पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान में भूकंप, जोरदार झटके से फैली दहशत, घरों से बाहर भागते नजर आए लोग

New Delhi: पाकिस्तान चीन और अफगानिस्तान में गुरुवार को भूकंप के जोरदार झटके महसूस होते ही लोगों में दहशत...

More Articles Like This

Exit mobile version