श्रीव्यासजी के वचन रूपी सरोवर में खिला है महाभारत रूपी कमल: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीव्यासजी के वचन रूप सरोवर में महाभारत रूप कमल खिला है और महाभारत रूप कमल की जो सुगंध है, सुरभि है, उत्कट गंध है उसका नाम ही गीता है।
किसी को दान दिया है तो दान लेने वालों की जिम्मेदारी बनती है कि उनका सही उपयोग करे। मगर जिनको दान दिया है उनकी परीक्षा करते रहना ठीक नहीं है। इससे दान की महिमा कम होती है। चिंता जरूर करो लेकिन निंदा न करो।
जो संपत्ति देते हैं उससे भी महान वह हैं जो समय देते हैं और उससे भी महान हैं जो संतति देते हैं, केवल रूपये पैसे से संस्थाएं नहीं चलती, रुपये से बढ़कर है संस्था के प्रति समर्पित कार्य करना। हे जीव तू अपने अंदर ही देख।

तुझमें अखण्ड आनन्द का सागर भरा पड़ा है। एकदम करीब, बस अपने हृदय में ही। जो अन्तर ज्योति पुरुष है, वही आत्मा है। शरीर के अन्दर चलो, अपने अंदर चलो। अपने अन्दर जो यह जगमगाती ज्योति है वही आत्मा है।
इस स्थूल शरीर से भी इन्द्रियां अधिक प्रिय होती हैं। इन्द्रियों से भी अधिक प्रिय अपना प्राण होता है। प्राण से भी अधिक प्रिय अपनी आत्मा होती है।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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