सत्य यदि जानने के बाद आचरण में ढल जाता है, तभी वह काम का है: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मनुष्य का जीवन तो साँप के मुँह में पड़े हुए मेंढक जैसा है। उसका जीवन मौत के मुँह में है, फिर भी वासना की मक्खियों को पकड़ने के लिए अपनी जीभ लपलपाता है।
50-55 वर्ष की उम्र होने के बाद ही उसकी समझ में आता है कि आधे से ज्यादा जीवन तो काल के मुख में समा गया है और अब उससे बचने का कोई रास्ता नहीं है। अगर उसने पहले से ही सावधान होकर जीवन की बाजी को सुधारने का प्रयत्न किया होता तो आज उसे पछताना नहीं पड़ता।
अतः जीवन में अनिवार्य रूप से आने वाली मृत्यु की तैयारी आज से ही करना प्रारम्भ करो। रोज-रोज थोड़ा-थोड़ा मरने का अभ्यास करोगे, तभी अन्त में शान्ति से मर सकोगे। सत्य यदि जानने के बाद आचरण में ढल जाता है, तभी वह काम का है। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना।
Latest News

Dussehra 2025: दशहरा के दिन इस पक्षी के दर्शन मात्र से चमक जाएगी किस्मत, जानिए महत्व

Dussehra 2025: शारदीय नवरात्रि का समापन अश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी यानी दशहरे के दिन होता है. हिंदू धर्म...

More Articles Like This

Exit mobile version