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सरकार द्वारा मंगलवार को जारी जानकारी के अनुसार, नवंबर में आधार ऑथेंटिकेशन लेनदेन सालाना आधार पर 8.47 प्रतिशत बढ़कर 231 करोड़ तक पहुंच गए. यह वृद्धि न केवल आधार के बढ़ते उपयोग को दर्शाती है, बल्कि देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था के विस्तार को भी दिखाती है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने बताया कि बीते महीने किए गए आधार ऑथेंटिकेशन लेनदेन इस वित्त वर्ष के सभी महीनों में सबसे अधिक रहे. अक्टूबर में यह आंकड़ा 219.51 करोड़ था.
मंत्रालय ने बयान में कहा, बढ़ते उपयोग से पता चलता है कि किस प्रकार आधार प्रभावी कल्याणकारी योजनाओं के वितरण में सूत्रधार की भूमिका निभा रहा है और सेवा प्रदाताओं द्वारा दी जाने वाली सेवाओं का स्वेच्छा से लाभ उठाया जा रहा है. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के मुताबिक, आधार फेस ऑथेंटिकेशन सॉल्यूशंस में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. नवंबर के दौरान पेंशनभोगियों द्वारा जारी किए गए लगभग 60 प्रतिशत डिजिटल जीवन प्रमाणपत्रों में आधार फेस ऑथेंटिकेशन का उपयोग किया गया है.
यूआईडीएआई द्वारा विकसित एआई-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक एंड्रॉइड और आईओएस — दोनों प्लेटफ़ॉर्म पर सुचारू रूप से काम करती है. यह प्रणाली उपयोगकर्ताओं को केवल एक फेस स्कैन के ज़रिए अपनी पहचान सत्यापित करने की सुविधा देती है, जो उपयोग में सरल होने के साथ-साथ उच्च स्तर की सुरक्षा भी सुनिश्चित करती है. मंत्रालय के अनुसार, नवंबर 2025 में फेस ऑथेंटिकेशन के 28.29 करोड़ लेनदेन हुए, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह संख्या 12.04 करोड़ थी.
नवंबर महीने के दौरान ई-केवाईसी लेनदेन में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई. इस अवधि में 47.19 करोड़ ई-केवाईसी लेनदेन किए गए, जो नवंबर 2024 की तुलना में 24 प्रतिशत से अधिक है. आधार ई-केवाईसी सेवा लगातार ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के साथ-साथ बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं सहित विभिन्न सेक्टरों में व्यापार संचालन को और सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.