FY28 तक 2.5 लाख करोड़ रुपए पहुंच जाएगा भारत के अफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर का AUM: Report

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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देश में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) द्वारा दिए जाने वाले रिटेल मॉरगेज बैक्ड लोन का कुल आकार FY28 तक 20 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है.. मार्च 2025 तक यह आंकड़ा 13 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर था. यह जानकारी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA की एक रिपोर्ट में बुधवार को सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस तेज़ बढ़ोतरी में अफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (AHFCs) की भूमिका भी अहम रहेगी.

FY28 तक रिटेल मॉरगेज लोन का आकार 2.5 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद

इन कंपनियों द्वारा दिया गया लोन आकार 1.4 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर FY28 तक 2.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है. ICRA के मुताबिक, वित्त वर्ष 2028 तक NBFCs और AHFCs द्वारा दिए गए मॉरगेज लोन में क्रमशः 17-19% और 20-22% की सीएजीआर (Compound Annual Growth Rate) से वृद्धि दर्ज की जा सकती है. आईसीआरए लिमिटेड (ICRA Limited) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और फाइनेंशियल सेक्टर रेटिंग्स के सह-समूह प्रमुख ए.एम. कार्तिक (A.M. Karthik) ने कहा, अगले तीन वर्षों में, रिटेल मॉरगेज लोन की वृद्धि मजबूत मांग और असुरक्षित ऋण से जुड़ी मौजूदा समस्याओं के कारण वैकल्पिक ऋण विकल्पों की सीमित उपलब्धता से प्रेरित होगी.

मजबूत प्रदर्शन और कम डिफॉल्ट के साथ आगे बढ़ रहीं AHFC

उन्होंने आगे कहा कि इस सेक्टर ने पारंपरिक रूप से कम ऋण घाटे और अच्छे व्यावसायिक प्रतिफल के साथ मजबूत प्रदर्शन किया है. हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) ने इन कुल मॉरगेज लोन का लगभग दो-तिहाई हिस्सा लिया और इसमें से मार्च 2025 तक एएचएफसी ने कुल एयूएम (13 लाख करोड़ रुपए) का 11% हिस्सा बनाया. रिपोर्ट के मुताबिक, एएचएफसी के पोर्टफोलियो में स्व-नियोजित उधारकर्ताओं और संपत्ति पर ऋणों की हिस्सेदारी अन्य बड़ी एचएफसी की तुलना में अधिक है, जो प्रमुख उधारकर्ता खंडों (प्राइम एचएफसी) पर केंद्रित हैं.

कम एनपीए और बेहतर ऋण गुणवत्ता के साथ तेज़ी से बढ़ रहीं एएचएफसी

एएचएफसी के पास छोटे आकार के ऋणों का एक बड़ा हिस्सा है और हाल के दिनों में उनकी एयूएम वृद्धि काफी तेज रही है, जिसके परिणामस्वरूप पोर्टफोलियो सीजनिंग कम रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एएचएफसी उद्योग के एयूएम में लगभग 70% हिस्सेदारी रखने वाली कुछ प्रमुख एएचएफसी की नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) पिछले तीन वर्षों में 1.1-1.3% पर नियंत्रण में रही हैं और इस अवधि में औसत प्रबंधित परिसंपत्तियों के अनुपात के रूप में औसत ऋण लागत लगभग 0.3% रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, एएचएफसी का औसत एलटीवी लगभग 55% है और घरों के स्व-निर्माण के लिए दिए गए ऋणों का एक बड़ा हिस्सा (एयूएम का लगभग 40%) है, जिससे उनकी ऋण गुणवत्ता नियंत्रण में रहने की उम्मीद है.
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