भारत की औद्योगिक वृद्धि दर अक्टूबर में 0.4% पर पहुंच गई है. सांख्यिकी मंत्रालय के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से दशहरा, दीपावली और छठ जैसे त्योहारों के कारण कामकाजी दिनों की संख्या कम होने की वजह से हुई. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आधारित भारत की औद्योगिक विकास दर सितंबर और अगस्त में 4% और जुलाई में 3.5% और जून में 1.5% थी.
अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने दिखाई मजबूती
अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने मजबूती दिखाई, और पिछले साल की समान अवधि की तुलना में इसमें 1.8% की वृद्धि हुई. महीने में 23 औद्योगिक समूहों में से 9 समूहों ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की. सबसे अच्छे प्रदर्शन करने वाले तीन समूहों में मैन्युफैक्चर ऑफ बेसिक मेटल्स ने 6.6%, मैन्युफैक्चर ऑफ कोक और रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स ने 6.2% और मैन्युफैक्चर ऑफ मोटर व्हीकल्स, ट्रेलर्स और सेमी-ट्रेलर्स ने 5.8% की वृद्धि दर्ज की.
बारिश और तापमान कम रहने के कारण बिजली की मांग रही कम
अक्टूबर में माइनिंग और इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की वृद्धि दर नकारात्मक क्रमश: -1.8% और -6.9% रही. सरकार ने कहा कि बारिश और तापमान कम रहने के कारण बिजली की मांग कम रही, जिससे बिजली का उत्पादन कम हो गया. कैपिटल गुड्स सेक्टर में सालाना आधार पर 2.4% की वृद्धि दर दर्ज की गई.
देश में बढ़ रहा निवेश
कैपिटल गुड्स सेक्टर में फैक्ट्रियों में इस्तेमाल होने वाली मशीनों का निर्माण शामिल है. इस सेक्टर की बिक्री में वृद्धि यह संकेत देती है कि देश में निवेश बढ़ रहा है, जिससे भविष्य में रोजगार के अवसर पैदा होंगे. सरकार द्वारा बड़े प्रोजेक्ट्स पर जोर देने के कारण इन्फ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर की वार्षिक वृद्धि दर 7.1% रही. इन बड़े प्रोजेक्ट्स में हाइवे, रेलवे और पोर्ट्स शामिल हैं.