FY26 में 10 लाख यूनिट्स तक पहुंच सकती है कमर्शियल वाहनों की बिक्री: Report

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
घरेलू बाजार में कमर्शियल वाहनों की बिक्री FY26 में 10 लाख यूनिट्स के आंकड़े को छू सकती है. बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. क्रिसिल की रिपोर्ट में बताया गया कि यह आंकड़ा प्री-कोविड से पहले FY2019 में बने पीक के बराबर होगा. कमर्शियल वाहनों की मांग में तेजी आने की वजह इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और रिप्लेसमेंट मांग का बढ़ना और पीएम-ईबस सेवा स्कीम से सपोर्ट मिलना है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि सेक्टर का क्रेडिट आउटलुक स्थिर बना हुआ है और इसे मजबूत लिक्विडिटी और अच्छे कैश फ्लो से समर्थन मिल रहा है. हल्के वाणिज्यिक वाहन (एलसीवी), जिनकी हिस्सेदारी कुल मात्रा में 62% के करीब रह सकती है, वृद्धि में आगे रहेंगे और इस सेगमेंट को ई-कॉमर्स और वेयरहाउसिंग की बढ़ती पहुंच से बढ़ावा मिलेगा, जबकि सीमेंट और खनन जैसे क्षेत्रों में बढ़त से समग्र मांग में वृद्धि होगी.
क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर अनुज सेठी ने कहा, पिछले वित्त वर्ष की मंदी से उबरते हुए चालू वित्त वर्ष में कमर्शियल वाहनों की वॉल्यूम 3-5% की दर से बढ़नी चाहिए और यह क्षेत्र की लंबी अवधि के बिक्री के ट्रेंड के अनुरूप होगी. सेठी ने कहा, रिकवरी इन्फ्रास्ट्रक्चर एग्जीक्यूशन में सुधार से संचालित होगी.
इसमें रिकवरी FY25 की आखिरी तिमाही में आनी शुरू हो गई थी. वहीं, केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय में 10-11% की वृद्धि से इसे सहारा मिलेगा. रिपोर्ट में आगे बताया गया कि रेगुलेटरी बदलाव इस वित्त वर्ष में कमर्शियल वाहनों के आउटलुक को नया आकार देंगे, क्योंकि अक्टूबर 2025 से ट्रकों में एसी केबिन अनिवार्य होने से लागत में कम से कम 30,000 रुपये प्रति इकाई की वृद्धि होने की संभावना है.
रिपोर्ट के अनुसार, कमर्शियल वाहन बनाने वाली कंपनियां जनवरी में बढ़ती लागत की भरपाई के लिए कीमतों में 2-3% की वृद्धि कर चुकी हैं. वहीं, कम होती इनपुट लागत से ऑपरेटिंग मार्जिन पिछले वित्त वर्ष में दर्ज किए गए दशक के उच्चतम स्तर 11-12% के आसपास ही रहेंगे. मध्यम और हैवी कमर्शियल वाहनों (एमएंडएचसीवी) के वॉल्यूम, जो कुल वॉल्यूम का 38% है, इस वित्त वर्ष में 2-4% बढ़ने की उम्मीद है, जिसका कारण निर्माण, सड़क और मेट्रो-रेल परियोजनाओं में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च में वृद्धि होना है.
डिलीवरी सर्विसेज और टियर 2 और 3 शहरों में गोदामों के विस्तार से एलसीवी सेगमेंट 4-6% की दर से बढ़ सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई और ब्याज दरों में कमी से FY2017-2019 के दौरान खरीदे गए पुराने बेड़े से विलंबित रिप्लेसमेंट मांग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे समग्र विकास को समर्थन मिलेगा.
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