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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Consumer Sector Q2 Recovery: एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के कंज्यूमर सेक्टर ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रिकवरी के संकेत दिखाए हैं, जिसमें ज्वेलरी और लिकर कैटेगरी सबसे आगे रही. जीएसटी दरों में कमी के बाद बाजार के स्थिर होने से पेंट, इनरवियर और स्टेपल्स सेगमेंट में भी सुधार दिखाई दिया है. मोतिलाल ऑसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की रिपोर्ट बताती है कि मजबूत त्योहरी मांग ने ज्वेलरी की बिक्री को बढ़ावा दिया, जबकि प्रीमियमाइजेशन ट्रेंड ने लिकर कैटेगरी में वृद्धि की रफ्तार तेज की.
रिपोर्ट में उन 60 कंपनियों का एनालिसिस किया गया है, जिनका चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में संयुक्त रेवेन्यू 1.2 ट्रिलियन रुपए दर्ज किया था और जिनके राजस्व में सालाना आधार पर 8 प्रतिशत की वृद्धि और ईबीआईटीडीए में 4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में रेवेन्यू में 10% और ईबीआईटीडीए में 3% की बढ़त देखी गई. रिपोर्ट के अनुसार, ज्वेलरी कैटेगरी ने 26% राजस्व वृद्धि और 25% ईबीआईटीडीए दर्ज करवाई. वहीं, लिकर कैटेगरी ने 11% की राजस्व वृद्धि और 16% की ईबीआईटीडीए ग्रोथ दर्ज करवाई.
लिकर कैटेगरी में स्पिरिट्स ने सबसे तेज़ बढ़त दर्ज की, जबकि मौसम से जुड़े व्यवधानों के कारण बीयर सेगमेंट पीछे रहा. फेस्टिव सीज़न में दोबारा खरीदारी बढ़ने और ट्रेड सेंटीमेंट सुधरने से पेंट कंपनियों ने सितंबर से मांग में उल्लेखनीय सुधार देखा. इस कैटेगरी में राजस्व 7% बढ़ा, जबकि ईबीआईटीडीए में 17% की वृद्धि हुई. क्विक सर्विस रेस्टोरेंट्स ने 10 प्रतिशत की रेवेन्यू ग्रोथ और 4% की ईबीआईटीडीए वृद्धि दर्ज की. वहीं, इनरवियर सेगमेंट ने 4% की राजस्व वृद्धि तो दिखाई, लेकिन बढ़ते मार्केटिंग खर्चों के चलते मार्जिन दबाव में रहा और ईबीआईटीडीए लगभग स्थिर रहा.
मोतीलाल ओसवाल का अनुमान है कि नवंबर के बाद से जीएसटी में उतार-चढ़ाव सामान्य होने से स्टेपल्स में रिकवरी होगी. इसके बाद, बाद की तिमाहियों में पेंट को लेकर वृद्धि दर्ज की जा सकती है. इसके अलावा, शादी के सीजन के चलते ज्वेलरी में मजबूत गति देखे जाने की उम्मीद की जा रही है.