इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) भारत के विकास में नई दिशा ला रहे हैं. ये न केवल पर्यावरण की सुरक्षा में मदद कर रहे हैं, बल्कि रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. यह बात केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने रविवार को भारत मंडपम में आयोजित ईवी एक्सपो के दौरान कही.
केंद्रीय मंत्री ने प्रदर्शनी में कई स्टॉलों का किया दौरा
उन्होंने प्रदर्शनी में कई स्टॉलों का दौरा किया और भारतीय ईवी कंपनियों की बढ़ती क्षमताओं की सराहना करते हुए इसे भारत के स्वच्छ, हरित और टिकाऊ भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. डॉ. सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू से ही पर्यावरण सुरक्षा और ई-मोबिलिटी के बारे में लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि भारत न केवल इन वैश्विक नवाचारों का लाभ उठा रहा है, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा और टिकाऊ परिवहन की दिशा में सक्रिय रूप से भागीदार भी बन रहा है.
इलेक्ट्रिक वाहन चलाना है आसान
मंत्री ने स्वच्छ ऊर्जा के इकोसिस्टम में हो रहे सुधारों और हाल ही में पारित शांति विधेयक, 2025 का उदाहरण दिया, जिसका उद्देश्य न्यूक्लियर ऊर्जा में निजी भागीदारी को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तनों से जुड़ी हुई है और भारत के विकास तथा पर्यावरणीय लक्ष्यों को हासिल करने में मदद कर रही है. मंत्री ने यह भी बताया कि पारंपरिक वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन चलाना आसान है और इनमें कम शारीरिक मेहनत की आवश्यकता होती है. इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग अब एंबुलेंस, ई-रिक्शा, यात्री वाहनों और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए बढ़ रहा है, जिससे यह हर तरह की परिवहन जरूरतों को पूरा कर रहे हैं.
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी युवाओं के लिए रोजगार
उन्होंने कहा, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सिर्फ परिवहन, पर्यावरण और स्वच्छ ऊर्जा के लिहाज से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह उद्यमिता, रोजगार और आजीविका के एक नए शक्ति केंद्र के रूप में उभर रही है, खासकर युवाओं के लिए. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जो इकोसिस्टम बनाया गया है, उसने युवाओं को ईवी से संबंधित व्यवसायों को छोटे निवेश के साथ शुरू करने का मौका दिया है. सरकार की तकनीकी और वित्तीय सहायता से इन व्यवसायों को तेजी से बढ़ाने में मदद मिल रही है. उन्होंने ईवी सेक्टर में मौजूद अवसरों के बारे में युवाओं को और जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी नवाचार, आत्मनिर्भरता और टिकाऊ विकास की दिशा में एक प्रेरक मार्ग साबित हो सकती है.