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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) के चीफ बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर श्रीराम कृष्णन (Sriram Krishnan) ने गुरुवार को कहा कि इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट (Electricity Futures Contract) से बिजली की लागत नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. श्रीराम कृष्णन ने समाचार एजेंसी IANS से बातचीत करते हुए कहा, इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट की मदद से आप आगे का फ्यूचर्स आज ही खरीद सकते हैं इससे आपकी लागत फिक्स हो जाएगी.
वहीं, अगर स्पॉट पर लागत इससे अधिक आती है, तो कैश-सेटेल्ड मंथली इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट से अंतर आपको मिल जाएगा. इससे बिजनेस और अन्य को बिजली की लागत नियत्रिंत करने में मदद मिल सकती है. कृष्णन ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि दुनिया में जैसे-जैसे ईएसजी (एनवायरमेंटल, सोशल और गवर्नेंस) बढ़ रहा है. उसकी वजह बिजली की लागत पर प्रभाव पड़ता है.
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, मान लीजिए हर जगह सौर ऊर्जा पैदा होने लगती है, तो बिजली की लागत कम हो सकती है, लेकिन अगर हमारी योजना से अधिक बिजली की मांग आ गई, तो कीमतें बढ़ सकती हैं. ऐसे में इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स काफी महत्वपूर्ण हैं. कृष्णन ने इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स से बिजली की ट्रेडिंग के सवाल पर कहा कि यह सट्टेबाजी के लिए नहीं है, बल्कि वास्तविक हेजिंग के लिए है.
देश में 60,000 यूनिट्स और अधिक की जिसकी भी खपत है इससे फायदा ले सकते हैं. अगर आपके कारोबार के प्रॉफिट और लॉस खाते में बिजली एक बड़ा नंबर में इससे आपको फायदा हो सकता है. इस महीने के मध्य में एनएसई ने कहा था कि उसे सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) से मंथली इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स लॉन्च करने की मंजूरी मिल गई है. एनएसई की ओर से मंथली इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स लॉन्च करने का उद्देश्य इलेक्ट्रिसिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव के खिलाफ बाजार के भागीदारों को हेजिंग का एक अच्छा टूल उपलब्ध कराना है. साथ ही इलेक्ट्रिसिटी वैल्यू-चेन जैसे जनरेशन, ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन और रिटेल में पूंजीगत निवेश को प्रोत्साहित करना है.